शिवराज सरकार ने पाकिस्तानी जासूस की सजा कम की, रिहाई पर हाईकोर्ट की रोक

ग्वालियर। मप्र की शिवराज सिंह सरकार ने सेंट्रल जेल में बंद पाकिस्तानी जासूस की सजा कम कर दी है। उसकी 3 साल, 4 महिने की सजा कम की गई है। उसे 9 नवम्बर को रिहा किया जाना था परंतु हाईकोर्ट ने ना केवल जासूस की रिहाई पर रोक लगा दी है बल्कि मप्र की शिवराज सरकार, केंद्र की मोदी सरकार एवं मप्र के जेल प्रबंधन को नोटिस जारी कर उनसे अब्बास की सजा में रियायत देने संबंधी मामले में जवाब मांगा गया है। बता दें कि मप्र में भाजपा की सरकार है। भाजपा हमेशा से पाकिस्तानी आतंकवादियों एवं जासूसों को कड़ी सजाएं देने की मांग करती रही है। 

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रहने वाला अब्बास उर्फ माजिद खां पुत्र नासिर खां साल 2006 में वृजविहार कॉलोनी में माधौ पुत्र वेदप्रकाश निवासी बुलंदशहर बनकर रह रहा था। 2006 में जब उसे पकड़ा गया तो उसने बताया था कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के फैयाज ने उसे ग्वालियर एयरबेस की जासूसी के लिए भारत भेजा था। पाकिस्तानी जासूस से उस वक्त एयरफोर्स स्टेशन, सेना के ठिकानों के नक्शे, मेबाइल व सिम बरामद हुई थी। इसके अतिरिक्त मुरादाबाद से बनवाया गया फर्जी लाइसेंस, राशन कार्ड भी मिला था।

2005 में की थी घुसपैठ
अब्बास उर्फ माजिद को पाकिस्तान में बकायदा पूरी ट्रेनिंग देकर भेजा गया था। वो साल 2005 में भारत आया और शुरूआती दिनों में दिल्ली और इसके आस पास ही रहा। 2005 की अगस्त में वो मुंबई, बुलंदशहर, मुरादाबाद सहित कई शहरों में रहा। बाद में उसे ग्वालियर एयरफोर्स स्टेशन की जासूसी की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिसके बाद वो ग्वालियर मे आकर रहने लगा।

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