भोपाल। मप्र शासन की ओर से पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि इमरजेंसी की स्थिति में प्राइवेट अस्पताल इलाज से इंकार नहीं कर सकते, फिर चाहे मरीज के पास पैसे हों या ना हों। कम से कम प्राथमिक इलाज को करना ही होगा। नोटबंदी के बाद सामने आई समस्या को देखते हुए फिर से इस नियम की याद दिलाई जा रही है।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर में इस आशय के आदेश जारी किए गए हैंं। सीएमएचओ दफ्तर से निजी अस्पताल और नर्सिंग होम संचालकों के लिए पत्र जारी किया गया है। पत्र में साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि मुद्रा परिवर्तन की वजह से अगर किसी मरीज का इलाज करने से मना किया जाता है तो ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अस्पतालों के लिए जारी निर्देशों में निजी अस्पतालों को मरीज को कम से कम प्राथमिक इलाज मुहैया कराकर ज़रुरत होने पर सरकारी अस्पताल में रेफर करना भी शामिल है। साथ ही इसकी जानकारी सीएमएचओ कार्यालय को देनी होगी। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)