नोट बंदी: बैंकों की चाँदी और बैंक कर्मी खफा

राकेश दुबे@प्रतिदिन।  500 और 1000 रुपये का नोट बंद करने के फैसले के बाद से बैंकों में 18 नवंबर तक 5.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने नोट बदले या जमा किए गए हैं। बैंक के कर्मचारी रिजर्व बैंक की कार्य प्रणाली से नाखुश हैं। वे उर्जित पटेल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रहे है। ए आई बी ओ सी और ए आई बी इ ए दोनों इस मुद्दे पर साथ है पहले आंकड़े।

रिजर्व बैंक ने आज अपने बयान में कहा कि 10 से 18 नवंबर के दौरान बैंकों के काउंटर या एटीएम के जरिए 103316 करोड़ रुपये वितरित किए गए। सरकार द्वारा 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 का नोट बंद करने की घोषणा के बाद से रिजर्व बैंक ने ऐसे नोटों को बदलने या जमा कराने की व्यवस्था की है। यह सुविधा रिजर्व बैंक और वाणिज्यिक बैंकों के साथ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और शहरी सहकारी बैंकों में उपलब्ध है। बैंकों के मुताबिक, 10 नवंबर से 18  नवंबर के दौरान उन्होंने 5 44471 करोड़ रुपये के नोट बदले हैं या जमा किए हैं। इसमें से 330066 करोड़ रुपये के नोट बदले गए हैं, जबकि 5 11 565 रुपये जमा किए हैं। बयान में कहा गया है कि इस दौरान जनता ने अपने खातों या एटीएम से 1 03 313 करोड़ रुपये निकाले हैं।

दूसरी और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर उर्जित पटेल को नोटबंदी की ठीक से योजना नहीं बनाने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये |. की मांग ऑल इंडिया बैंक ऑफिशर्स कंफेडरेशन (एआईबीओसी) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डी. थॉमस फ्रैंको ने बताया, "या तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या वित्त मंत्री अरुण जेटली को नोटबंदी के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी होगी. आरबीआई गर्वनर को सरकार को इससे जुड़े तमाम मुद्दों जैसे बैंकिंग क्षेत्र को इसके लिए तैयार होने में कितना समय लगेगा आदि की सही सलाह देनी चाहिए थी.|” एआईबीओसी के करीब 2.5 लाख सदस्य हैं।

नोटबंदी के तुरंत बाद ऑल इंडिया बैंक इम्प्लाई एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सी. एच. वेंकटचलम ने कहा  कि आरबीआई ने अपने अनुचित नियोजन से लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है||फ्रेंको ने आगे कहा, "आरबीआई को जिम्मेदारी उठाना चाहिए और वास्तविक स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए कि ५००  और १००० रुपये की क्यों नोटबंदी की गई."

उन्होंने कहा कि आरबीआई ही नोट प्रिंट करती है तो उसे एटीएम के आकार का भी ध्यान रखना चाहिए|फ्रेंको ने कहा, "आरबीआई ने २००० रुपये के नोट का आकार बदल दिया, जिससे एटीएम को अनुरूप बनाने (कैलीब्रेशन) की जरूरत पड़ रही है|"उनके मुताबिक आरबीआई को १००  रुपये की नोट की पर्याप्त छपाई करनी चाहिए| इसकी बजाए उसने नोटबंदी से पहले केवल 2,000 रुपये के नोट छापने की तैयारी की| नोट बंदी की परते दिन बी दिन उधड रही है | सरकार जाने क्या होगा ?
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !