सातवें वेतनमान को लेकर मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में बढ़ रही है बेचैनी

भोपाल। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण द्विवेदी एवं महामंत्री लक्ष्मी नारायण शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को शीघ्र सातवा वेतनमान दिया जाए तथा उसके बाद 6वे एवं 7वे वेतनमानों की विसंगतियों को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाए जो एक माह में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें और वेतन विसंगतियों को समय सीमा में दूर करे। 

अरुण द्विवेदी एवं लक्ष्मीनारायण शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कर्मचारियों में सातवें वेतनमान को लेकर बढ़ी बेचैनी  है । प्रदेश के वित्त मंत्री ने घोषणा की थी कि प्रदेश के कर्मचारियों को दीपावली के पूर्व केंद्रीय तिथि से  सातवा वेतनमान दिया जाएगा । अब सरकार पहले छठे वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर 7वा वेतनमान देने की बात कर रही है। 

अरुण द्विवेदी और लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि कुछ कर्मचारी नेता केवल अपने स्वार्थो की पूर्ति करने के लिए सरकार से मिल जुलकर छटवे वेतनमान की विसंगतियों को दूर कर सातवे बेतनमान देने  की माँग कर प्रदेश के कर्मचारियों से साजिश कर रहे  है तथा  सातवें वेतनमान को अनावश्यक रुप से लटकाना चाहते हैं।  नेताद्वय ने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार ने छठे वेतनमान की विसंगतियों को 8 वर्षों में ठीक नहीं किया तो अब दो महीने में क्या करेगी ? प्रदेश के कर्मचारियों को सरकार की नीयत पर संदेह होने लगा है की सातवा वेतन मान भी सरकार 2 वर्षों तक लटका सकती है क्योंकि इसके पूर्व जनवरी 2006 से मिलने वाला छटवा वेतन मान मध्य प्रदेश की  सरकार के द्वारा 2008 में दिया गया था और 2 वर्षों का एरियास  कर्मचारियों को खातों में जमा कर 5 किस्तों में दिया गया था जबकि पेंसनरो का एरियर्स सरकार ने नहीं दिया था। 

अरुण द्विवेदी एवं लक्ष्मी नारायण शर्मा ने मांग की है कि सरकार अपने वादे को निभाए और प्रदेश सरकार द्वारा जो 11 वर्ष पूर्ण होने का जश्न मनाया जा रहा है उसी जश्न में प्रदेश के कर्मचारियों को सातवा वेतनमान   के आदेश जारी किये  जाए।

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