भोपाल। 6 नवम्बर को आजाद अधयापक संघ की ओर से मान.मुख्यमंत्री जी का स्वागत कार्यक्रम रखा गया है। जो अनुचित है और इसका अभी सही समय नही है। जबकि अभी छठवां वेतन निर्धारण में कई विसंगतियां है। अध्यापक संघर्ष समिति मर्प् में शामिल सभी संघो द्वारा एकमत होकर शिक्षा विभाग में संविलियन की लडाई हेतु एकजुट हुए हैं जिसकी सैद्धांतिक सहमति सभी संघो ने दी है। यह सभी संघो का कर्तव्य है कि मान.मुख्यमंत्री जी के स्वागत लोभ प्रलोभन में नही उलझकर अपने अध्यापक संघर्ष समिति के एक सूत्रीय मांगो पर अडिग रहते हुए लक्ष्य निर्धारित करें।
24 दिसंबर 2015 को बाम्बे लीलावती अस्पताल से अध्यापकों को छठवाँ वेतनमान की घोषणा के बाद सभी संघो ने मान.मुखयमंतरी जी का स्वागत किया था। जिसका परिणाम 11 माह बाद आडर हुए वह भी विरोध प्रदर्शन के बाद। भाईयों एक बार स्वागत कर देने के बाद। पुन: स्वागत करना क्या उचित है..?
अधयापक संघर्ष समिति मप्र यह आरोप लगा रही है कि सीएम हाउस मे बैठे लोग अध्यापक संघर्ष समिति को तोडने का प्रयास कर रहे हैं। जिसमे लगभग वह सफल भी हो रहे हैं।
अध्यापक संघर्ष समिति मप्र में राज्य अध्यापक संघ-जगदीश यादव, अध्यापक संविदा शिक्षक संघ - मनोहर प्रसाद दुबे, शासकीय अध्यापक संघ- ब्रजेश शर्मा जी, अध्यापक कांग्रेस- राकेश नायक अभी 6 नवम्बर हो सीएम हाउस में अध्यापको द्वारा स्वागत का कार्यक्रम होने जा रहा है जिसमें अध्यापक संघर्ष समिति शामिल नही है।
अध्यापकों की 20 वर्षो से लंबित मांग" शिक्षा विभाग में संविलियन" की घोषणा के पश्चात ही मुख्यमंत्री जी का प्रदेश का समस्त 3 लाख अधयापक स्वागत करेगा अनयथा किसी भी स्वागत में अध्यापक संघर्ष समिति शामिल नही होगी।
भवदीय: राकेश पाडेय, उपेनदर कौशल, असीम शर्मा, जितेनदर शाक्य, राकेश पटेल,एच.एन नरवरिया