धर्मेन्द्र मिश्रा/नोएडा। पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बंद किए जाने के प्रधानमंत्री के फैसले से पूरे देश में हलचल है। देश में आर्थिक क्रांति के जनक कहे जाने वाले अनिल बोकिल की टीम ने प्रधानमंत्री के इस कदम को सही ठहराते हुए दावा किया है कि जल्द ही देश में अधिकांश कारोबार कार्ड व चेक से किए जाने लगेंगे।
कैश लेन-देन के लिए सरकार लगभग तीन हजार तक की सीमा तय कर सकती है। मोदी सरकार के कदम इसी इरादे से ई-बैंकिंग क्रांति की ओर बढ़ते दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बड़े नोट बंद करने का सुझाव महाराष्ट्र के औरंगाबाद निवासी व मैकेनिकल इंजीनियर अनिल बोकिल ने ही दिया था।
अनिल बोकिल की टीम पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम से भी मिली थी। इसके बाद 2011-12 के दौरान बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर व अन्ना हजारे से भी मिले थे। इन सभी ने बोकिल के प्रस्ताव का अनुमोदन किया था।
दो हजार के नोट भी बाद में हो सकते हैं बंद
नोएडा के सेक्टर 25 में रहने वाले अनिल बोकिल की 11 सदस्यीय टीम के अहम सदस्य आदर्श धवन के अनुसार, हाल ही में जारी दो हजार रुपए के नोट भी बाद में बंद किए जा सकते हैं। अब अमेरिका जैसे देशों की तर्ज पर ई-बैंकिंग से अधिकांश कारोबार होंगे। देश में कुल नकद राशि का करीब 86 फीसद नोट 500 व एक हजार रुपए के हैं।
बोकिल के पांच अहम प्रस्ताव
देश में इंपोर्ट ड्यूटी छोड़कर सभी तरह के टैक्स खत्म कर देने चाहिए। सरकार को सिर्फ मनी ट्रांजेक्शन टैक्स प्राप्तकर्ता पर दो फीसद तक लगाना चाहिए। इससे मौजूदा टैक्स नीति से होने वाली आय से 25 फीसद से अधिक आय कर के रूप में आएगी। कोई भी टैक्स चोरी नहीं कर पाएगा।
50 या 100 रुपए से बड़े सभी नोट बंद कर देने चाहिए। इससे भ्रष्टाचार व अपराध खत्म हो जाएगा। कैश ट्रांजेक्शन पर कोई टैक्स नहीं होना चाहिए। कैश इस्तेमाल की लिमिट 2000 रुपये तक सीमित की जानी चाहिए। ( पढ़ते रहिए bhopal samachar हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)