ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने भारती शिक्षा परिषद लखनऊ से बीएड व डीएड करने वाले संविदा शाला शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। गुरुवार को शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से बीएड व डीएड करने के लिए तीन साल का मौका दिया है। जो शिक्षक जहां कार्यरत है, वही कार्य करता रहेगा।
वर्ष 2006 में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 व 3 में भर्ती की गई थी। वर्ष 2006 में भर्ती शिक्षकों का शासन ने अध्यापक संवर्ग में संवीलियन यह कहते हुए रोक दिया कि भारती शिक्षा परिषद से डीएड व बीएड करने वालों को संवीलियन का लाभ नहीं दिया जाएगा। जिनका संवीलियन हो चुका है, उन्हें वापस संविदा शाला शिक्षक बनाया जाता है। शासन के इस निर्णय को साधु सिंह तोमर अन्य शिक्षकों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि भारती शिक्षा परिषद को यूजीसी से मान्यता प्राप्त है। परिषद से प्राप्त डिग्री एनसीटीई की डिग्री के समक्ष है, लेकिन सरकार इस डिग्री मान्य नहीं कर रही है। संवीलियन नहीं किया जा रहा है। जिनका संवीलियन कर दिया है, उन्हें वापस किया जा रहा है। कोर्ट ने शिक्षकों को तीन साल का मौका दिया है। अब एनसीईटी से बीएड व डीएड कर सकेंगे।