सर्वे और आत्म मुग्ध भाजपा | Survey and BJP complacent

राकेश दुबे@प्रतिदिन। विभिन्न राज्यों में हो रहे सर्वे भाजपा की आत्म मुग्धता को चुनौती दे रहे हैं। सर्वे के अनुमान कहते है भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी 2019 में भाजपा की सरकार अपने बलबूते पर नहीं बना सकेंगे। भाजपा को अन्य लोगो के सहयोग की दरकार रहेगी।

हालांकि अखबार और समाचार माध्यमों में माहौल यह बनाया जा रहा है कि आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता बरकरार है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक उलट है। इसका प्रमाण कई स्तर पर देखा जा सकता है। पहला तो उत्तर प्रदेश में लाख कोशिश के बाद मायावती और मुलायम की टक्कर में भाजपा खड़ी नहीं हो पा रही है, जबकि अपनी सीमित ताकत और गिरे हुए मनोबल के बाद भी कांग्रेस चर्चा में आ गई है।

मतदाता सर्वेक्षण करने वाली कंपनियां लगातार यह कह रही हैं कि आज की तारीख में अगर उत्तर प्रदेश में चुनाव हो जाए तो बहन मायावती की बहुजन समाज पार्टी सबसे ज्यादा सीट जीतकर आएगी। उसका सीधा मुकाबला मुलायम सिंह के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी के साथ है। भाजपा अपने गठबंधन के साथ तीसरे स्थान पर बताई जा रही है, जबकि कांग्रेस 40 से 50 सीट जीतने की स्थिति में है।

पंजाब में सत्तारूढ़ बादल गुट वाले शिरोमणि अकाली दल और भाजपा गठबंधन की स्थिति बेहद खराब है। संभव है कि अपने पंथक चरित्र के कारण शिरोमणि अकाली दल को थोड़ी सफलता मिल जाए, लेकिन अभी के माहौल में भाजपा लड़ाई से बाहर ही दिख रही है। वैसे भी पंजाब में भाजपा का प्रभाव नगण्य है।पंजाब में आम आदमी पार्टी उभरेगी और कांग्रेस दूसरे स्थान पर रहेगी, कांग्रेस की स्थिति सुधर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के गृह प्रदेश गुजरात के हालात भी कोई बहुत आशाजनक नहीं है। जो खबर आ रही है वह भाजपा के लिए निराश करने वाली है। गुजरात के 14 प्रतिशत दरबार यानी राजपूत ठाकुर पहले से कांग्रेस के साथ हैं। इन दिनों भाजपा के आधार वोटर रहे पटेल समुदाय के लगभग 50 प्रतिशत लोग कांग्रेस के खेमे में जाने का मन बना रहे हैं। शेष राज्य जहाँ अभी भाजपा प्रतिपक्ष के अभाव में सत्तारूढ़ है, वहां की सारी सींटें मिलकर भी केंद सरकार 2019 में भाजपा को केंद्र में काबिज नहीं करा सकेंगी समझौता तो करना होगा।
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।        
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !