जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का धरना-प्रदर्शन मालवीय चौक जैसे प्रतिबंधित क्षेत्र में आयोजित किए जाने के रवैये को अवमानना याचिका के जरिए कठघरे में रखा गया है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इस सिलसिले में जबलपुर के कलेक्टर महेशचन्द्र चौधरी व पुलिस अधीक्षक डॉ.आशीष को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।
गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता अधिवक्ता सतीश वर्मा ने अपना पक्ष स्वयं रखा। उन्होंने दलील दी कि 29 सितम्बर को जिला प्रशासन ने आरएसएस को मालवीय चौक पर धरना-प्रदर्शन करने की अनुमति देकर हाईकोर्ट के पूर्व आदेश-निर्देश की सरासर अवहेलना की है।
जाहिर सी बात है कि इसके पीछे सत्ताधारी दल का दबाव ही मुख्य कारण रहा है। लिहाजा, हाईकोर्ट के दिशा-निर्देश से ऊपर शासन के नुमाइंदों की बात को रखने वाले कलेक्टर व एसपी को दंडित किया जाना चाहिए। अवमानना याचिका के जरिए मुख्य रूप से यही मांग की गई है।