प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में हॉस्टल, बस, लैब के नाम पर लूट

भोपाल। एडवांस मेडिकल कॉलेज, चिरायु मेडिकल कॉलेज एवं पीपुल्स मेडिकल कॉलेज समेत कई प्राइवेट कॉलेजों में स्टूडेंट्स से मनमानी फीस वसूली की शिकायतें आ रहीं हैं। स्टूडेंट्स का आरोप है कि कॉलेज, बस, लैब ओर हॉस्टल के नाम पर मोटी रकम मांग रहे हैं। हम बस और हॉस्टल नहीं चाहते, फिर भी फीस कम नहीं की जा रही है। छात्रों ने इसकी शिकायत संचालक चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) एएफआरसी से की है। डीएमई ने भी फीस कमेटी को छात्रों की शिकायतें बता दी हैं। ज्यादा फीस लेने की वजह से करीब दो दर्जन उम्मीदवारों ने सीट छोड़ दी है।

प्रदेश के निजी व सरकारी मेडिकल/डेंटल कॉलेजों में एमबीबीएस व बीडीएस में दाखिले के लिए गांधी मेडिकल कॉलेज में ऑनलाइन काउंसलिंग चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मप्र के मूल निवासी उम्मीदवारों से सीटें भरी जा रही हैं। इस साल निजी कॉलेजों की सीटें भी सरकार भर रही है, इसलिए निजी कॉलेजों ने उम्मीदवारों को परेशान करने का नया तरीका निकाल लिया है। एडमिशन एंड फीस रेगुलेटरी कमेटी (एएफआरसी) द्वारा तय फीस से ज्यादा राशि निजी कॉलेज ले रहे हैं। राजधानी के एडवांस मेडिकल कॉलेज में अपनी बेटी का एडमिशन कराने वाले संजय कुमार ने बताया कि कॉलेज ने 5 लाख रुपए ट्यूशन फीस ली है। इसके अलावा पहले साल के लिए 5 लाख अन्य सालों के ढाई लाख रुपए दूसरी फीस मांग रहे हैं, लेकिन मजबूरी में प्रवेश दिलाना पड़ रहा है। इसके अलावा चिरायु मेडिकल कॉलेज, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर के मेडिकल कॉलेजों की शिकायत उम्मीदवारों ने की है।

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बीडीएस में भी लगेगा सीट लीविंग बॉन्ड, 500 रुपए के स्टांप 1000 में बिके
बीडीएस की सीटें खाली न रहें, इसके लिए संचालनालय चिकित्सा शिक्षा ने बीडीएस में भी सीट लीविंग बॉन्ड लगा दिया है। पिछले साल तक सिर्फ एमबीबीएस में सीट लीविंग बॉन्ड का प्रावधान था। डीएमई ने कहा है कि 7 अक्टूबर को दोपहर 1 बजे बाद सीट छोड़ने वालों को सीट लीविंग बांड देना होगा। बॉन्ड की राशि निजी कॉलेजों के लिए पूरे कोर्स की फीस व सरकारी कॉलेज के लिए 3 लाख होगी। बॉन्ड के लिए अनुबंध 500 के स्टांप में होना था, लेकिन स्टांप की मांग बढ़ने पर वेंडरों ने 1000 रुपए तक में स्टांप बेचा। उम्मीदवारों को टाइपिंग समेत अन्य खर्च मिलाकर 1700 रुपए तक देने पड़े।

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बाहरी उम्मीदवार को शामिल करने का आरोप, हंगामा
काउंसलिंग में मप्र के मूल निवासी कुछ उम्मीदवारों ने आरोप लगाया कि दूसरे राज्यों के कुछ उम्मीदवारों को भी सीट आवंटन किया गया है। शिकायत मिलने पर कांग्रेस नेता पीसी शर्मा भी अपने समर्थकों के साथ जीएमसी पहुंच गए। जांच कराने पर पता चला कि जिस उम्मीदवार की शिकायत की जा रही थी वह सैनिक कोटे से था। इसके बाद मामला शांत हो गया।

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ऑनलाइन काउंसलिंग की मांग
पूर्व विधायक पारस सखलेचा ने अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखकर खाली सीटों को ऑनलाइन काउंसलिंग से भरने की मांग की है। पारस सखलेचा ने कहा ऑफलाइन काउंसलिंग में गड़बड़ी हो सकती है। जब ऑनलाइन काउंसलिंग कराने में कोई दिक्कत नहीं है तो फिर ऑफलाइन काउंसलिंग क्यों कराई जा रही है।

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