नहीं माने तो जबरन थोप देंगे कानून: स्वामी बोले

नईदिल्ली। यूनिफाॅर्म सिविल कोड पर मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड की ओर से केंद्र सरकार के विरोध के बाद सियासी गलियारे में भूचाल आ गया है। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि नहीं माने तो जबरन थोपेंगे, वहीं वीएचपी ने बोर्ड के फैसले को महिला और मुस्लिम विरोधी करार दिया है। सुब्रमण्यम स्वामी ने लाॅ बोर्ड को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नहीं माने तो कानून बनाकर थोप देंगे। देश में एक कानून होना चाहिए।

वीएचपी की ओर से जारी बयान में वीएचपी के प्रवक्ता डाॅ. सुरेंद्र जैन ने कहा कि पर्सनल लाॅ बोर्ड की प्रतिक्रिया महिला, मुस्लिम, मानवता और संविधान विरोधी है। बोर्ड ने 'इस्लाम खतरे में है' कहकर मुस्लिम समाज में अलगाव का बीज पैदा करने का प्रयास भी किया है। 

सरकार को इस मुद्दे पर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिल रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता जकिया सोमन ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड क्या है? यह एक एनजीओ है, जो लाखों दूसरे एनजीओ की तरह काम करता है। जकिया ने कहा, इन्हें डर लग रहा है कि इनकी ठेकेदारी कहीं खत्म न हो जाए। 

कांग्रेस की ओर से गुरुवार को कहा गया कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना संभव नहीं है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सरकार धर्म के मामले में दखल न दे। उन्होंने तीन तलाक की व्यवस्था को खत्म करने का विरोध करते हुए कहा है कि यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत की विविधता को खत्म कर देगा। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कई इस्लामिक देशों ने सुधार का रास्ता अपनाया है। ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी राय रख दी है। अब हमें इस पर एक स्वस्थ बहस करने की जरूरत है।

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