शिवराज सिंह की पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मिश्रा की गिरफ्तारी पर स्टे

भोपाल। भोपाल जिला न्यायालय से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद संकट में फंस गए कांग्रेस के मुख्यप्रवक्ता केके मिश्रा की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। मिश्रा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह पर खदान घोटाले का आरोप लगाया था। इस मामले में मिश्रा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था। 

24 सितंबर को जिला कोर्ट ने केके मिश्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। इस मामले में हबीबगंज पुलिस ने चालान पेश किया था। 6 अक्टूबर को मिश्रा ने अग्रिम जमानत लगाई थी। एडीजे अरुण कुमार वर्मा की अदालत में केके मिश्रा की अग्रिम जमानत पर सुनवाई हुई थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने मिश्रा की जमानत खारिज कर दी थी। उल्लेखनीय है कि 24 सितंबर को एसीजेएम प्रदीप राठौर की अदालत में हबीबगंज टीआई ने यह चालान पेश किया था। जिला अभियोजन अधिकारी राजेंद्र उपाध्याय ने बताया कि अदालत ने मिश्रा की उपस्थिति के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।

क्या है मामला:
11 जून 2015 को कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मिश्रा ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम एक मैग्नीज की खदान के आवंटन के संबंध में आरोप लगाए गए थे। यह खदान एसएस मिनरल्स के नाम से संचालित है। इस संबंध में फरियादी संजय नायक ने एक लिखित शिकायत थाना हबीबगंज में प्रस्तुत की थी। नायक ने मिश्रा के खिलाफ आरोप लगाए थे कि उन्होंने जिन खसरा नंबर व रकबा का उल्लेख बालाघाट में एसएस मिनरल्स के नाम से मैग्नीज खदान होने का लगाया है वह किसी अन्य के नाम पर आवंटित है। एसएस मिनरल्स नाम की किसी भी फर्म को किसी भी आवंटन नहीं हुआ है। 

फरियादी की शिकायत..
केके मिश्रा ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिन खसरा नंबर और रकबा का उल्लेख बालाघाट में एसएस मिनरल्स के नाम से मैग्नीज खदान होने का लगाया है, वह किसी अन्य के नाम पर आवंटित है। एसएस मिनरल्स नाम की किसी भी फर्म को किसी भी खदान का आवंटन नहीं हुआ है।
-एसएस मिनरल्स नाम से संजय पायल नामक किसी व्यक्ति ने खदान आवंटन हेतु आवेदन दिया था, किंतु संजय पायल को उक्त खदान का आवंटन शासन द्वारा नहीं किया गया।
-केके मिश्रा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर यह आरोप लगाए थे।
-आवेदन पत्र की जांच के बाद हबीबगंज पुलिस ने केके मिश्रा के खिलाफ 3 अगस्त 2016 को ipc की धारा 466 468 469,471 474 का मामला दर्ज किया था।

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