भोपाल। होशंगाबाद में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर वीएस रावत की पत्नी सीमा रावत को नवरात्रि रात में अक्सर एक सपना आता था। माता की एक प्रतिमा उन्हे बुलाती थी। एक दिन वो तलाशते हुए स्मार्ट सिटी इंदौर से 22 किलोमीटर दूर एक गांव सेमल्या चाऊ पहुंच गईं। यहां उन्होंने खुदाई करवाई तो सचमुच जमीन के नीचे से एक प्रतिमा निकली। यह प्रतिमा करीब 500 साल पुरानी बताई जा रही है। जो लोग ग्रामीण या मध्यमवर्गीय परिवारों में आने वाले सपनों को ढोंग और अंधविश्वास कहा करते थे। इस मामले में चुप हो गए हैं।
होशंगाबाद में पदस्थ डिप्टी कमिश्नर वीएस रावत की पत्नी को नवरात्रि के दिनों में आया एक सपना साकार हो गया है। इंदौर में रहने वाली सीमा रावत का कहना है कि उन्हें नवरात्र के दौरान एक सपना आया था कि उन्हें एक मंदिर के नीचे दबी हुई माता की मूर्ति बुला रही है। सीमा रावत अपने ड्राइवर के साथ वहां जा पहुंची। इसके बाद देखते ही देखते गांववालों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। बताया जाता है की तीन से चार घंटे की खुदाई के बाद यहां से भारी वजनी एक काले पत्थर की मूर्ति निकली गई। जिस पर कुछ आकृतियां भी बनी हुई थीं। खुदाई में निकली माता की मूर्ति अनुमानित 500 वर्ष पूर्व की बताई जा रही है।
ग्रामीणों ने बताया कि उनके बुजुर्ग उन्हें बताया करते थे कि यह मंदिर बहुत ही चैतन्य है। यहां अक्सर रात में गांववालों को जलती हुई मशालें मंदिर की और आते दिखाई दिया करती थी, लेकिन मंदिर पर कोई दिखाई नहीं देता था। ऐसे में एक चमत्कारिक मूर्ति का अचानक बाहर आ जाना लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है।