जेल की काल कोठरी में चौथी दीपावली मनाएंगे आसाराम बापू

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार के मामलों में सुनवाई का सामना कर रहे प्रवचनकर्ता आसाराम की अंतरिम जमानत अर्जी खारिज कर दी और उनसे न्यायिक हिरासत में ही राजस्थान में अपना इलाज कराने को कहा। आसाराम ने स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत मांगी थी।

न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति एनवी रमण की पीठ ने कहा कि यदि आसाराम इलाज कराना चाहते हैं तो वह न्यायिक हिरासत में रहते हुए जोधपुर के एम्स या राजस्थान आयुर्वेद अस्पताल में इलाज करा सकते हैं। आसाराम ने अदालत से कहा था कि वह दिल्ली में आयुर्वेदिक इलाज कराना चाहते हैं जिसके लिए उन्हें एक महीने की अंतरिम जमानत की जरूरत है।

पीठ ने कहा, ‘यदि आप आयुर्वेदिक इलाज कराना चाहते हैं तो आप राजस्थान में करा सकते हैं। अंतरिम जमानत की जरूरत नहीं है क्योंकि एम्स के मेडिकल बोर्ड ने भी कहा है कि स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। राजस्थान सरकार के वकील ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के अस्पतालों में आसाराम को सभी संभावित इलाज उपलब्ध कराने को तैयार है।

लेकिन शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि आसाराम के समर्थकों को अस्पताल में नहीं जाने दिया जाएगा और उनका कोई भी अनुयायी उनसे नहीं मिलेगा। पीठ ने कहा कि वह आसाराम के नियमित जमानत आवेदन पर नवंबर में सुनवाई करेगी।

अठारह अक्तूबर को शीर्ष अदालत ने आसाराम की जमानत अर्जियों पर राजस्थान सरकार से जवाब मांगा था और कहा था कि पहले वह अंतरिम जमानत अर्जी से निबटेगी, नियमित जमानत दरख्वास्त पर बाद में आएगी।

पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान :एम्स: के मेडिकल बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय से कहा था कि आसाराम के स्वास्थ्य की स्थिति स्थिर है। सात सदस्यीय बोर्ड ने पीठ से यह भी कहा था कि आसाराम ने कई जांचों से इनकार कर दिया था।

आसाराम को 31 अगस्त, 2013 को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तब से वह जेल में हैं। नौ अगस्त को उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में उनके जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था। एक किशोरी ने आसाराम पर जोधपुर के समीप मनाई गांव में अपने आश्रम पर यौन हमला करने का आरोप लगाया था. लड़की आश्रम में रह रही थी. वह उत्तरप्रदेश के शाहजहांपुर की निवासी है।
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