शहीद की पत्नी ने सरकार का मैडल भी लौटा दिया

लुधियाना। वर्ष 1987 में श्रीलंका में हुए "ऑपरेशन पवन" के दौरान शहीद सैनिक हवलदार कश्मीर सिंह की पत्नी सुरिदर कौर ने सरकारी अनदेखी के चलते सैनिक मेडल प्रधानमंत्री को लौटाने के लिए लुधियाना जिला प्रशासन को सौंप दिया है। डीसी रवि भगत की गैरमौजूदगी में मेडल जीए टू डीसी स्वाति टिवाना को सौंपा गया।

उक्त ऑपरेशन में 29 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। सुरिदर कौर की नाराजगी है कि उन्हें 10 एकड़ जमीन व पेट्रोल पंप देने के वादे को 29 साल बाद भी पूरा नहीं किया गया। सोमवार को लुधियाना पहुंची गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक निवासी सुरिदर कौर ने बताया कि 1987 में श्रीलंका में की गई सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान लिट्टे आतंकियों का सफाया करते हुए उनके पति शहीद हुए थे।

ऑपरेशन में भाग लेने वाले 29 सैनिकों के शव भी लिट्टे आतंकी साथ ही ले गए थे। तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने शहादत के उपरांत सेना मेडल से नवाजते हुए परिवार को 10 एकड़ जमीन, सरकारी नौकरी, पेट्रोल पंप या गैस एजेंसी देने का एलान किया था। 29 साल बीतने के बाद भी परिवार को कोई सुविधा नहीं मिली है।

शहीद की विधवा के साथ पहुंचे ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान सतनाम सिंह धालीवाल ने कहा कि 1965, 1971 व कारगिल के सभी शहीद सैनिकों के परिवारों को सुविधाएं दी गईं। पाकिस्तान की जेल में शहीद हुए सरबजीत के परिवार को एक करोड़ रुपये, दोनों बेटियों को सरकारी नौकरी, पेट्रोल पंप जैसी सुविधाएं दी गईं तो श्रीलंका युद्ध के शहीद परिवार के साथ सौतेला व्यवहार क्यों?

शहीद के परिवार ने नाराजगी के चलते सैनिक मेडल वापस किया है। मामला गुरदासपुर से जुड़ा है तो वहां के प्रशासन से संपर्क करेंगे कि कहां कमी रह गई। 
स्वाति टिवाना जीए टू डीसी।
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