केदारघाटी में लगातार मिल रहे हैं नरकंकाल

रुद्रप्रयाग-केदारघाटी में अब भी नरकंकालों के मिलने का सिलसिला जारी है। त्रिजुगीनारायण-केदारनाथ ट्रैक पर गौरीमाई खर्क के पास करीब पांच से छह नर कंकाल दिखाई दिये हैं। जून 2013 में आई केदारनाथ आपदा के सवा तीन साल बाद भी दुर्गम पहाड़ी रास्तों पर मिलने से पूरे प्रदेश में हडकंप मचा हुआ है। राज्य सरकार ने भी एसडीआरएफ टीम को रवाना कर दिया है, जो 16 अक्टूबर को केदारनाथ से त्रिजुगीनारायण की ओर ट्रैक कर नरकंकालों की खोज कर उनका अंतिम संस्कार करेगी।

गौरीमाई खर्क में लगभग आधे दर्जन कंकाल दिखाई दिये हैं. कई कंकाल कपडों में लिपटे पड़े है. ईटीवी संवाददाता सतेन्द्र बर्थवाल स्थानीय लोगों के साथ त्रिजुगीनारायण से सबुह करीब 7 बजे इस ट्रैक पर निकले त्रिजुगीनारायण से करीब 7 किमी की दूरी पर ही रास्ते में ईटीवी की टीम को नरकंकाल दिखाई दिये हैं. खर्सू, देवदार, चीड, बांज और बुरांश के पेडों के आस पास नर कंकाल दिखाई दे रहे हैं।

आपको बताते चले कि 7 अक्टूबर को शेरसी से निकले ट्रैकिंग दल को भी इस इलाकों में नर कंकाल दिखाई दिये है. त्रिजुगीनारायण से केदारनाथ का यह ट्रैक काफी मुश्किलों भरा है, जिसमें करीब 22 किमी तक कहीं भी पानी नहीं है। त्रिजुगीनारायण गांव निवासी अशीष गैरोला ने कहा कि गौरीमाई खर्क के पास पैदल ट्रैक में ही नरकंकाल दिखाई दिये है. आशीष ने कहा कि करीब 10 से 12 किमी की दूरी में नरकंकाल मिले हैं।
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