पहले अस्पताल से फरार होना चाहते थे आतंकवादी

भोपाल।
सेंट्रल जेल से फरार सिमी आतंकी लंबे समय से भागने के फिराक में थे। वे तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे थे। नई दुनिया को मिली जानकारी के अनुसार एटीएस ने इसे लेकर जेल सुपरीटेंडेंट को बताया था कि आतंकी गुट बना रहे हैं। रविवार और सोमवार की दरमियानी रात आतंकियों के जेल से फरारी ने इसकी पुष्टि भी कर दी। फरार सिमी आतंकियों में तीन खंडवा जेल ब्रेक के आरोपी भी थे।

जिन्हें एटीएस ने इसी साल 17 फरवरी को ओडिसा के राउरकेला से गिरफ्तार किया था। बार-बार करते थे बीमारी का बहाना सूत्रों की मानें तो राउरकेला से राजधानी लाने के बाद से ही सिमी आतंकी शेख महबूब उर्फ गुड्डू उर्फ मलिक, अमजद उर्फ दाऊद, मोहम्मद असलम उर्फ बिलाल और जाकिर हुसैन उर्फ सादिक जेल से बाहर निकलने के लिए कई बार प्रयास कर चुके थे। वे लगातार बीमारी का बहाना बताकर अस्पताल में भर्ती होने की मांग करते रहे।

बताया जा रहा है कि जेल प्रबंधन ने इसकी सूचना एटीएस को भी दी थी, लेकिन एटीएस ने इजाजत नहीं दी थी। आईबी को भी मिले थे इनपुट सूत्र बताते हैं कि आतंकियों के किसी बड़ी साजिश करने को लेकर इंटेलीजेंस ब्यूरो ने भी चार महीने पहले अलर्ट जारी किया था। दरअसल आईबी को जानकारी मिली थी कि अबू फैजल साथियों को बाहर निकालने की साजिश कर रहा है।

सूत्र बताते हैं कि अलर्ट मिलने के बाद कुछ समय तक सुरक्षा व्यवस्था और बढ़ा दी गई थी। मामले में आईजी इंटलीजेंस मकरंद देउस्कर ने कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया। दोपहर को डीजीपी ने ली मीटिंग घटना के बाद दोपहर तीन बजे डीजीपी ऋषि शुक्ला ने पुलिस मुख्यालय में सभी अधिकारियों की मीटिंग बुलाई। इनमें एडीजी इंटेलीजेंस राजीव टंडन, आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर, एटीएस चीफ संजीव शमी, आईजी सोनाली मिश्रा, भोपाल आईजी योगेश चौधरी के साथ डीआईजी रमन सिकरवार भी मौजूद थे।

डीजीपी ने मीटिंग के लिए पूर्व स्पेशल डीजी इंटेलीजेंस (वर्तमान में अध्यक्ष पुलिस हाउसिंग) सरबजीत सिंह को भी बुलाया गया था। जेल से भागने के बाद करते रहे वारदात -2 अक्टूबर 2013 को खंडवा जेल से सात सिमी आतंकी आतंकी अबू फैजल खान, एजाजुद्दीन अजीजुद्दीन, असलम अय्यूब, अमजद, जाकिर, शेख महबूब और आबिद मिर्जा फरार हो गए थे। -बाद में अबू फैजल, इरफान नागौरी और खालिद अहमद को एटीएस ने 25 दिसंबर 2013 को सेंधवा पठार के पास से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था।

शेष फरार आतंकियों ने फरारी के दौरान भी इन छह वारदातों को अंजाम दिया
1 फरवरी 2014 को आंध्रप्रदेश के करीमनगर इलाके में बैंक डकैती।
1 मई 2014 को चेन्नई रेलवे स्टेशन पर बेंगलुरू-गुवाहाटी ट्रेन में धमाका।
10 जुलाई 2014 को पुणे के फरसखाना और विश्रामबाग पुलिस थानों में धमाके।
6 दिसंबर 2014 को रूड़की (उत्तराखंड) में एक रैली में धमाका और 14 दिसंबर को बिजनौर (उप्र) के घर में हुआ धमाका, जहां आंतकी बम तैयार कर रहे थे में तीनों के शामिल होना बताया जा रहा है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !