360 लोगों से ठगी करने वाले को 181 साल की जेल

नईदिल्ली। अपराध शाखा ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है, जिसने 360 लोगों से सस्ते प्लॉट दिलाने के नाम पर ठगी की थी। वह इस पूरे सिंडिकेट का मास्टरमाइंड था, गिरोह में उसके अलावा 6 आरोपी भी थे। ठगी को कारनामे को देखते हुए उसे कंज्यूमर कोर्ट से 181 साल की सजा मिली थी।

ज्वाइंट सीपी रविंद्र यादव ने बताया कि आरोपी की पहचान 66 साल के राजेंद्र मित्तल के रूप में हुई है। वह गाजियबाद में वसुंधरा इलाके में सेक्टर-3 में रहता था। उसे 30 जूुलाई 2013 को कोर्ट के आदेश के बाद शकरपुर थाने में केस दर्ज करने को कहा था। आरोपी पर सब्जी मंडी और कनॉट प्लेस थाने में भी धोखाधड़ी के केस दर्ज थे। 8 जून को राजेंद्र को कोर्ट की ओर से उसे दोषी करार दिया गया था।

इसके बाद कड़कड़डूमा कोर्ट की ओर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को इस मामले में इसी साल 13 जून आदेश दिया गया था राजेंद्र मित्तल को पकड़ा जाए। जिसके बाद एसीपी आानंद कुमार मिश्रा, इंस्पेक्टर विनय त्यागी की एक टीम एडिशनल कमिश्नर केके व्यास के निर्देशन में बनाई गई। पुलिस की पड़ताल में सामने आया था कि आरोपी पर 300 से ज्यादा ऐसे केस थे, जिनमें उसने लोगों से प्लॉट और जमनी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। शकरपुर में दर्ज इस केस में आरोपी राजेंद्र के अलावा 6 अन्य आरोपी भी थे। इस मामले में सामने आया कि राजेंद्र ने ठगी कर खूब संपत्ति जमा कर ली थी। पुलिस आरोपी राजेंद्र मित्तल के पुराने रिकॉर्ड को भी खंगाल रही है।

महज 12वीं तक पढ़ा है राजेंद्र
कोर्ट से दोषी करार राजेंद्र मित्तल महज 12वीं तक पढ़ा हुआ है। उस पर धोखाधड़ी के पांच केस दर्ज हैं। उसने 20 साल की उम्र में विकास मार्ग पर तिरुपति एसोसिएटस के साथ काम करना शुरू किया था। सबसे पहली बार वह 1991 में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद वह 3 महीनों के लिए जेल में रहा था। इसके बाद जमानत पर बाहर आ गया था। जुलाई 2013 में उसे कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर दिया था। कई ठगी के मामलों में वांछित राजेंद्र मित्तल पहले केशवपुरम के राजेश के साथ पकड़ा गयाािा। जहां उसे सात साल की सजा मिली थी। वहीं उसके दो साथियों डीके दुआ और गजराज को बरी कर दिया गया था। इस मामले में राजेंद्र मित्तल की पत्नी को भी कोर्ट ने बरी किया था।

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