हरियाणा। रविवार को बीजेपी के कुरुक्षेत्र से सांसद राजकुमार सैनी पर कुछ युवकों ने काली स्याही फेंकी थी। सांसद राजकुमार सैनी ने आरोप लगाया कि उनपर जानलेवा हमला हुआ है। मामले में आरोपी पांच युवकों पर जान से मारने की कोशिश का मुकदमा दर्ज किया गया। यह मामला बिना मेडिकल के ही दर्ज कर लिया गया। अब इस कार्रवाई का खुला विरोध शुरू हो गया है। एक स्याही किसी के लिए जानलेवा कैसे हो सकती है। क्या बिना मेडिकल के धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।
अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने हिसार में बैठक कर युवकों पर धारा 307 लगाए जाने जाने को गलत बताया है। संघर्ष समिति ने स्याही फेंकने को महज़ विरोध करने का एक तरीक़ा बताया है। इतना ही नहीं इनका कहना है कि अगर राजकुमार सैनी पर सरकार ने नकेल नहीं कसी तो ऐसी घटनाएं आगे भी होती रहेंगी।
संघर्ष समिति ने आरोपियों की बजाए राजकुमार सैनी और उनके समर्थकों पर धारा 307 लगाने की मांग की है। संघर्ष समिति का कहना है कि स्याही फेंकने के आरोपी युवकों को सरेआम पीटा गया. ऐसे में कार्रवाई उन्हें पीटने वालों और पिटवाने वालों पर बनती है। बता दें कि आरोपी पांचों युवक हिसार के ही बुडाना गांव के रहने वाले हैं। पांचों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।