मप्र में अब सड़क खोदने का जुर्माना 3000 प्रति वर्गफीट

वैभव श्रीधर/भोपाल। सरकार ने सड़क खोदने वाली सरकारी और निजी एजेंसियों पर नकेल कसने की तैयारी कर ली है। अब यदि प्रदेश के किसी भी शहर में पानी सप्लाई या किसी और काम के लिए सड़क खोदी गई तो संबंधित को डेढ़ से लेकर तीन हजार रुपए वर्ग मीटर तक राशि चुकानी होगी। ये राशि लोक निर्माण विभाग के खाते में जमा होगी और वह ही खोदी गई सड़क की मरम्मत या निर्माण करेगा। इसके लिए विभाग ने 16 साल पुराने निर्देशों की जगह नए नियम बनाकर लागू कर दिए हैं।

हर दस सेंटीमीटर पर बढ़ेगी राशि
खुदाई से सड़क को होने वाले नुकसान के हिसाब से ही संबंधित एजेंसी को राशि देनी होगी । यदि सड़क की सिर्फ सतह को ही नुकसान होता है तो 210 रुपए प्रति मीटर से राशि देनी होगी । इसके बाद नुकसान के हिसाब से ये राशि बढ़ती जाएगी जो अधिकतम 3 हजार 60 रुपए प्रति मीटर तक होगी । यदि सड़क एक मीटर से ज्यादा गहरी खोदी जाती है तो हर दस सेंटीमीटर के लिए 115 रुपए अलग से देने होंगे। फुटपाथ, बाउंड्रीवाल को होने वाले नुकसान की भरपाई भी एजेंसी को ही करनी होगी । हर साल इस राशि में पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी की जाएगी।

इसलिए उठाया कदम
जल निकासी के लिए नाली, सीवेज,पाइप लाइन डालने, केबल बिछाने के लिए कंपनियां या अन्य एजेंसियां सड़कों की खुदाई करती हैं। अव्वल तो काफी समय तक ये खुली पड़ी रहती हैं और भरी भी जाती हैं तो इसमें पीडब्ल्यूडी के पैमानों का पालन नहीं होता । इसके कारण पूरी सड़क बर्बाद हो जाती है। शिवपुरी में पानी की लाइन के लिए 75 करोड़ रुपए की सड़क खोद दी गई। ये इतनी गहरी खुद गई कि इसकी मरम्मत संभव ही नहीं थी, लिहाजा सड़क नए सिरे से बनानी पड़ रही है। एक समस्या ये भी थी कि गड्ढे भरने का काम एजेंसियां खुद करती हैं। इन्हें सड़क निर्माण का कोई अनुभव नहीं होता, जिसके कारण गुणवत्ता प्रभावित होती थी।

नए नियम थे जरूरी
अनाधिकृत तौर पर सड़कों की खुदाई अपने हिसाब से कर ली जाती है,और गड्ढों को भरने का काम भी नियमों केहिसाब से नहीं होता इसलिए नए नियम बनाए गए हैं। 
सीपी अग्रवाल,सचिव लोक निर्माण विभाग

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