घटिया बिजली फिटिंग से लगी भुवनेश्वर के अस्पताल में आग, 23 मौतें, 50 घायल

नईदिल्ली। भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में सोमवार शाम आग लगने से अब 23 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 50 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं. ज्यादातर मरीजों की मौत दम घुटने से हुई है. बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन चैंबर में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। यह शार्ट सर्किट अस्पताल में कराई गई सस्ती और घटिया बिजली फिटिंग के कारण हुआ। शॉर्ट सर्किट की चिंगारी आॅक्सीजन सिलेण्डर पर गिरी ओर वो फट गया। इसके बाद तो बस चीख पुकारें और लाशे ही मिलीं। 

कई मरीजों को खिड़कियां तोड़कर निकाला गया 
एक चश्मदीद ने कहा कि कई मरीजों को खिड़कियों के शीशे तोड़कर निकाला गया. चश्मदीदों के मुताबिक आग सबसे पहले अस्पताल की पहली मंजिल पर लगी, जिसके बाद देखते ही देखते तेजी से फैल गई. शुरुआती जांच में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका जताई जा रही है. इस बीच जिला प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं कि आखिर आईसीयू वार्ड में ये आग कैसे लगी. आग की खबर लगते ही अस्पताल के बाहर के लोगों की भीड़ लग गई थी.

इन अस्पतालों में भर्ती हैं घायल 
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अतनु एस नायक ने कहा कि यदि अस्पताल अधिकारियों को लापरवाही का दोषी पाया गया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. कैपिटल अस्पताल के निदेशक बी बी पटनायक ने कहा कि कई पीड़ित सम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे और जीवन रक्षक प्रणाली पर रह रहे थे. ज्यादातर मौतें दम घुटने से हुई. उन्होंने कहा कि नाजुक तौर पर घायल हुए दो मरीजों को कैपिटल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. डॉ. पटनायक ने बताया कि कैपिटल अस्पताल के अलावा मरीजों को पास के अमरी अस्पताल, अपोलो अस्पताल, कलिंग अस्पताल, कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और राज्य राजधानी क्षेत्र के कुछ अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

बिल्ड‍िंग में फंसे थे 500 से ज्यादा मरीज 
पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया, क्योंकि 500 से ज्यादा मरीज इमारत में फंसे हुए थे. आग पर काबू पाने के लिए कम से कम सात अग्निशमन वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाई गईं.
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