नई दिल्ली। सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद कांग्रेस नेताओं ने दावा किया था कि 2013-14 में कांग्रेस ने भी सर्जिकल स्ट्राइक किए थे लेकिन उसक प्रचार नहीं किया। कांग्रेस नेतओं के इस दावे की पोल खोलते हुए एक तात्कालीन डीजीएमओ ने इस तरह के किसी सर्जिकल स्ट्राइक से इन्कार कर दिया है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए तत्कालीन डीजीएमओ लेंफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने कहा कि यूपीए कार्यकाल के दौरान 2013-14 में कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा कि पहले क्रास बॉर्डर ऑपरेशन हुए हैं जिसने बिना किसी तैयारी के अंजाम दिया गया और आप इन्हें सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कह सकते। जनरल भाटिया ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना इन ऑपरेशंस के साथ नहीं की जा सकती क्योंकि दोनों में बहुत अंतर होता है।
2012-2014 तक भारतीय सेना में डीजीएमओ रहे जनरल भाटिया ने कहा कि पहले जो स्ट्राइक हुए थे वो बहुत ही स्थानीय स्तर के थे जिन्हें सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कहा जा सकता बल्कि वे ऑपरेशन थे। उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना के चार महत्वपूर्ण काम होते हैं- पहला एलओसी को बनाए रखना, दूसरा भारतीय सीमाओं की रक्षा करना, तीसरा सीमापार से हो रही आतंकी घुसपैठ को रोकना और चौथा काम होता है कि अपनी दुश्मन सेना पर वर्चस्व बनाए रखना।
आपको बता दें कि कांग्रेस ने दावा किया था कि की यूपीए शासन काल के दौरान भी सर्जिकल स्ट्राइक हुईं थी लेकिन उन्होंने कभी इसे सार्वजनिक नहीं किया। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने अपने ट्विटर हैंडल पर सर्जिकल स्ट्राइक पर एक बयान जारी कर यह दावा किया था।