गुस्साए ग्रामीणों ने 20 दिन से तालाबंद कर रखा है स्कूल, DEO चुप

श्योपुर। जिला शिक्षा अधिकारी गांव में आऐं, तभी हम विद्यालय का ताला खोलेेंगे। यह मांग है बनवाड़ा गांव के उन ग्रामीणों की जिन्होंने अतिथि शिक्षक व सहायक अध्यापिका को निलंबित करने को लेकर पिछले 20 दिनों से शासकीय प्राथमिक विद्यालय बनवाड़ा में ताला लगा रखा है। ग्रामीणों की मांग है कि जब तक डीईओ गांव में आकर हमारी बात की सुनवाई नहीं करेंगे, तब तक स्कूल का ताला नहीं खोला जाएगा। उधर जिला शिक्षा अधिकारी बनवाड़ा गांव में जाने तक से परहेज कर रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गलत तरीके से अतिथि शिक्षक व सहायक अध्यापिका को हटाया गया है।

मालूम हो कि, बनवाड़ा गांव के शाप्रावि में पदस्थ सहायक अध्यापिका कृष्णा शाक्य और अतिथि शिक्षक सुग्रीव सुमन को जिला शिक्षा अधिकारी ने कम अंक आने के बाद भी सहायक अध्यापिका द्वारा अतिथि शिक्षक की नियुक्ति करने को लेकर निलंबित कर दिया था। जिसके विरोध में बनवाड़ा गांव के ग्रामीणों ने गत 24 सित बर को शाप्रावि बनवाड़ा की तालाबंदी कर निलंबित की गई सहायक अध्यापिका कृष्णा शाक्य व हटाए गए अतिथि शिक्षक को पुन: नियुक्ति देने की मांग की थी। जिला शिक्षा अधिकारी ने ग्रामीणों की इस मांग को नाजायज बताते हुए इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते करीब 20 दिन का समय बीत जाने के बाद भी स्कूल में ताला लगा हुआ है।

बेरंग लौटी निरीक्षण टीम
ग्रामीणों द्वारा स्कूल में की गई तालाबंदी को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार के निर्देश पर एक निरीक्षण दल शाप्रावि बनवाड़ा पहुंचा। जिसमें जीएस आसावत, प्रमोद सिंह सिकरवार, आरडी किरार सहित आधा दर्जन प्राचार्य शामिल थे। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश को देखकर यह निरीक्षण दल बेरंग ही लौट आया। ग्रामीणों और निरीक्षण दल के बीच कोई बातचीत तक नहीं हो सकी।

दांतरदा से वापस लौट आए डीईओ
शासकीय प्राथमिक विद्यालय बनवाड़ा के साथ-साथ दांतरदा गांव में भी अतिथि शिक्षक के हटाने को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया था। जिसे लेकर जिला शिक्षा अधिकारी दांतरदा के प्राथमिक विद्यालय में पहुंचे और उन्होंने समस्या का समाधान करवाया, लेकिन दांतरदा गांव से महज एक किमी दूर बनवाड़ा में डीईओ ने शायद जाना जरूरी नहीं समझा, और वे दांतरदा विद्यालय का निरीक्षण करके ही वापस लौट आए।

ग्रामीणों ने लगाए रिश्वत के आरोप
बनवाड़ा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि कई बार जिला शिक्षा अधिकारी को गांव में आने के लिए अवगत करा दिया गया है। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी एक बार भी बनवाड़ा गांव में नहीं आए है। जिससे डीईओ की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। ग्रामीणों का आरोप है कि जिस अतिथि शिक्षक की नियुक्ति डीईओ द्वारा की गई है, उससे रकम वसूली गई है। यही वजह है कि डीईओ बनवाड़ा गांव में नहीं आ रहे हैं।

इसलिए निर्मित हुई स्थिति
शासकीय प्राथमिक विद्यालय बनवाड़ा के ग्रामीण अतिथि शिक्षक ओर सहायक अध्यापिका को पुन: बहाल करने की जिद पर अड़े हुए है। बनवाड़ा गांव में जो स्थिति निर्मित हुई है, उसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा प्राप्त निर्देशों में बीएड, डीएड व सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले आवेदक को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए वहीं दूसरे ओर श्योपुर कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में स्थानीय को प्राथमिकता देने की बात कही गई है। इसी भ्रम के कारण समिति द्वारा स्थानीय आवेदन को प्राथमिकता देते हुए नियुक्ति की गई थी।

अंधकार में है बच्चों का भविष्य
शासकीय प्राथमिक विद्यालय बनवाड़ा में पढऩे वाले 78 बच्चे पिछले करीब 20 दिन से घर बैठे हुए है। डीईओ और ग्रामीणों के बीच तनातनी के चलते बच्चों का भविष्य अंधकार की ओर अग्रसर हो रहा है।

...तो इन पर क्यों नहीं हुई कार्यवाही
यदि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा की गई कार्यवाही सत्यता पूर्वक की गई है तो फिर शामावि सरोदा, शासकीय हाईस्कूल चन्द्रपुरा, शाउमावि पांडोला, शाप्रावि रघुनाथपुर, शाउमावि बड़ौदा, शाउमावि टर्राकलां, शाप्रावि अर्रोदरी, शामावि बावड़ीचापा, शाप्रावि दुबड़ी में पदस्थ अतिथि शिक्षकों सहित 29 शिकायतों में से जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा महज दांतरदा और बनवाड़ा गांव के अतिथि शिक्षकों पर ही कार्यवाही क्यों की गई है। शेष के खिलाफ यह कार्यवाही क्यों नहीं की गई? यह समझ से परे है।

इनका कहना है...
-जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा गलत तरीके से अतिथि शिक्षक और सहायक अध्यापिका को हटाया गया है। जिसके विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल में ताला लगाया है। जब तक अतिथि शिक्षक और सहायक अध्यापिका को दोबारा बहाल नहीं किया जाएगा, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
हनुमान रजत
ग्रामीण, बनवाड़ा 
जिला शिक्षा अधिकारी दांतरदा गांव से ही वापस लौट जाते है। उन्होंने एक बार भी हमारे गांव में आकर हमारी समस्या सुनना जरूरी नहीं समझा। लगता है, डीईओ ने मोटी रकम ले ली है, जिसके कारण वे यहां नहीं आ रहे हैं।
नबल किशोर प्रजापति
भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष मानपुर

अतिथि शिक्षक और सहायक अध्यापिका को नियम विरूद्ध हटाया गया है, हटाने से पहले उन्हें न तो कोई लिखित में नोटिस जारी किया गया है और न ही कोई ऐसा कारण दर्शाया गया है। हमारी यह जिद है कि जब तक डीईओ गांव मेें नहीं आएंगे, तब तक स्कूल का ताला नहीं खोला जाएगा।
मुकेश सुमन,सरपंच
ग्राम पंचायत बनवाड़ा

बनवाड़ा स्कूल की समस्या को लेकर मैंने प्राचार्र्यों का एक दल गांव में भेजा था, लेकिन ग्रामीणों ने उनकी कोई सुनवाई नहीं की। यदि ग्रामीण मुझे गांव में बुलाने की जिद कर रहे है, तो मेरे पास जिले में कई ओर भी काम है। मेरे ऊपर लगाए जा रहे रिश्वत के सभी आरोप निराधार है।
अजय कटियार
जिला शिक्षा अधिकारी, श्योपुर

मुझे ध्यान आ रहा है कि इसमें तीन लोगों की एक जांच समिति बनाई थी। मैं मामले को कल दिखवाता हूं। स्कूल बंद होना गंभीर बात है, मैं अभी पता करवाता हूं।
पीएल सोलंकी
कलेक्टर, श्योपुर

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