मुआवजा घोटाला में तहसीलदार समेत 14 के खिलाफ एफआईआर

अंकित साहू/सिवनी। आखिरकार धनौरा तहसील के तत्कालीन तहसीलदार यादोराव तुमरामे सहित अन्य 14 लोगों पर भारतीय दण्ड सहिता के तहत 420, 409 एंव धारा 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। 

सिवनी जिले के धनौरा तहसील के मुगवानी गांव में जहां कृषकों को षडयंत्र पूर्वक पूर्व सुनियोजित तरीके से धोखाधडी, भ्रष्टाचार मुआवजा राशि का गबन एंव अनियमित्ता कर दण्यनीय अपराध के कारण यादोराव तुमरामे तत्कालीन तहसीलदार धनौरा, दुर्गाप्रसाद उइके पटवारी हल्का क्रं. 24 राजस्व निरीक्षक मंण्डल धनौरा व ग्राम कोटवार सकरूदास पिता दम्मूदास टाडिया द्वारा अपने कर्तव्यों के प्रति घोर अनियमित्ता एंव लापरवाही बर्ती गई। 

यादोराव तुमरामे तत्कालीन तहसीलदार धनौरा, दुर्गाप्रसाद उइके पटवारी, सकरूदास पिता दम्मूदास टाडिया कोटवार मुगवानी एंव उनके परिवार के सदस्य व रिश्तेदारो में माधुरी पिता अमीनदास टांडिया, रजंनी पिता सकरूदास टांडिया, कृष्णा टांडिया, रेखूदास पिता सूबेदास सोनवानी, मोनिका पिता अमीनदास टांडिया, सुषमा पति रेखूदास सोनवानी, चमरूदास पिता मिलनदास टांडिया, मेखूदास पिता सूबेलाल,वंदना पिता सकरूदास टांडिया, सोनमदास पति मदन, नीलू बाई/गनपत सभी निवासी ग्राम मुगवानी के विरूध शासकीय मुआवजा राशि का बेईमानी एंव कपट पूर्वक सूखा/कीट प्रकोप से प्रभावित कृषको के साथ धोखाधडी, शासकीय मुआवजा राशि का गवन करने के कारण भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश कलेक्टर सिवनी ने घंसौर अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लॉरेंस किरकिट्टा को किये हुये थे। 

एसडीएम घंसौर द्वारा 15/9/16 को वर्तमान तहसीलदार धनौरा को कार्यवाही हेतु अधिकृत कर पत्र जारी किया था परन्तु धनौरा की वर्तमान तहसीलदार श्वेता बम्होरे द्वारा अपने समकक्ष अधिकारी को बचाने के प्रयास एंव शासकीय कार्य मे लापरवाही का परिचय पिछले पंद्रह दिनों से दिया जा रहा था परन्तु अखबार द्वारा खबर को प्रमुखता से सभी अधिकारी व कर्मचारियो की बातो (वर्जनो) को छापे जाने के बाद ही गम्भीरता दिखाई गई और तत्कालीन तहसीलदार यदोराम तुमरामे, पटवारी दुर्गाप्रसाद उइके ,कोटवार सकरूदास टांडिया सहित 14 लोगो पर देर रात्री को धनौरा धाने पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। 

जांच हो तो कई मामले आयेंगे सामने
गबन के आरोपी पूर्व तहसीलदार यदोराम तुमरामे पर मुकदमा दर्ज  होते ही अब जनप्रतिनिधियो का कहना है कि इनके कार्यकाल की और भी जांच होनी चाहिए ताकि इनके और काले चिट्ठो की कब्र खुल सके जिससे धीरे- धीरे भ्रष्टाचार व धोखाधडी के कई मामले शासन प्रशासन के साथ- साथ समाज की नजरो मे आ सके....

इनका कहना ये है -
आप के हस्ताक्षेप के बाद ही धनौरा तहसीलदार मेडम श्वेता बम्होरे थाने आई और फिर एफआईआर दर्ज हो पायी। जिसमें भारतीय दण्डं विधान की धारा 420,409 व 34 के तहत अपराध क्रमांक 287/16 मे पंजीबध किया गया है,मामले की विवेचना जारी करदी गई है, जल्द ही आरोपीयो की गिरफ्तारिया भी की जायेंगी।
"आर एस उइके - टी आई धनौरा

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