जबलपुर। देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन की ओर से दायर अवमानना याचिका को गंभीरता से लिया। इसी के साथ राज्य के निजी मेडिकल कॉलेजों द्वारा अपने स्तर पर जारी मनमानी काउंसिलिंग पर यथास्थिति के निर्देश जारी कर दिए। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के आगामी दिशा-निर्देश तक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज अपने स्तर पर जारी काउंसिलिंग के जरिए किसी भी स्टूडेंट का एडमिशन फाइनल नहीं कर सकेंगे।
मध्यप्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने उक्त जानकारी देते हुए अवगत कराया कि सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संवैधानिक बेंच ने बुधवार को अपना अहम अंतरिम आदेश सुनाया। इसी के साथ मध्यप्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों को जोर का झटका लगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी निजी मेडिकल कॉलेज संचालकों को सोमवार 19 सितम्बर तक नोटिस का जवाब प्रस्तुत करने कहा है। इस बीच यथास्थिति बरकरार रखने की व्यवस्था लागू रहेगी। यह मामला स्टेट कोटा के स्टूडेंट्स को काउंसिलिंग प्रक्रिया से बाहर रखकर अपने स्तर पर मनमाने एडमिशन किए जाने की कवायद को आड़े हाथों लिए जाने से संबंधित है। बहस के दौरान निजी मेडिकल कॉलेजों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा।