Hotel Residency भोपाल में 1 साल नौकरी करता रहा पाकिस्तानी जासूस

भोपाल। किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगी और पाकिस्तान का एक जासूस मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के होटल रेसीडेंसी में काम करता रहा। एटीएस लखनऊ ने 24 अगस्त को उसे गिरफ्तार किया है। यह मामला भोपाल पुलिस की खुफिया नेटवर्क पर सवाल खड़े करता है। सवाल तो यह भी है कि होटल ने अपने कर्मचारी का पुलिस वेरीफिकेशन क्यों नहीं कराया। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वो भोपाल में पाकिस्तान के लिए स्लीपर सेल तैयार कर गया है। 

इलाहाबाद से पत्रकार फरहत खान की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी जासूस जमालुद्दीन का जो बायोडाटा और अन्य दस्तावेज आइबी ने कब्जे में लिया है उसके हिसाब से उसने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के होटल रेजीडेंसी में एक साल नौकरी की। इसी प्रकार झारखंड की राजधानी रांची में होटल कैपिटल हिल में एक साल तक काम किया। इतना ही नहीं उसने वाराणसी के होटल मेरिडियन ग्रैंड, होटल ओके इंटरनेशनल, होटल टेंपल टाउन और होटल जिरास में कई सालों तक नौकरी की।

आईएसआई एजेंट जमालुद्दीन के कई शहरों में होटलों की नौकरी करने का राजफाश होने पर खुफिया एजेंसियों ने जांच तेज कर दी है। आइबी और एटीएस जांच में जुटी हैं कि कहीं भोपाल, रांची, वाराणसी और इलाहाबाद में इस एजेंट ने स्लीपिंग मॉड्यूल्स तो नहीं तैयार किए थे।

जमानियां, गाजीपुर निवासी जमालुद्दीन खां को एटीएस ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था। आइएसआइ एजेंट जमालुद्दीन यहां के होटल क्राउन पैलेस, मिलन और ग्रेंड में बतौर रेस्टोरेंट कैप्टन छह साल तक नौकरी करता रहा था। संगम नगरी में उसके लिंक की पड़ताल चल रही है।

सैन्यकर्मियों को भेजे थे लाखों रुपये
खुल्दाबाद स्थित वेस्टर्न मनी ट्रांसफर एजेंसी के मार्फत उसने लाखों रुपये जैलसमेर और पोखरण में सैन्यकर्मियों को भेजे थे। इस बात को लेकर खुफिया एजेंसियों के होश उड़े हैं कि भोपाल, रांची, इलाहाबाद और वाराणसी में जमालुद्दीन ने नौकरी के दौरान लोकल लोगों से रिश्ते जोड़े होंगे। इसी दौरान वह आइएसआइ अधिकारियों से मिलने साउथ अफ्रीका गया।

जमालुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद एटीएस ने राजस्थान से उसके भाई खालिद को भी दबोच लिया है। खुफिया एजेंसियों को शक है कि उसने इन शहरों में स्लीपिंग मॉड्यूल्स तैयार किए हो सकते हैं। क्राउन होटल के जीएम अतुल कुमार राय बताते हैं कि होटल में उससे संबंधित जो भी दस्तावेज थे उसे आइबी अफसरों ने कब्जे में ले लिए हैं। सारे स्टाफ से कई-कई बार पूछताछ हुई है।

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