नईदिल्ली। यह देश भर में चल रहा एक बड़ा घोटाला है। मप्र, उत्तरप्रदेश, बिहार सहित झारखंड में भी इसका खुलासा हुआ है। सरकार किसानों से चावल-गेहूं खरीदती है। उस वक्त दाने की क्वालिटी का खास ध्यान रखा जाता है। केवल अच्छी क्वालिटी का अनाज खरीदा जाता है। इसके बाद अनाज गोदाम में जाता है लेकिन जब गोदाम से बाहर आता है तो वो घटिया क्वालिटी का होता है। दरअसल सरकारी गोदामों के भीतर ही अनाज बदल दिया जाता है। बढ़िया क्वालिटी का अनाज ब्रांडेड पैकेट में भरकर मॉल में महंगे दामों पर बेचा जाता है जबकि घटिया अनाज गरीबों में बांट दिया जाता है।
धनबाद के बस्ताकोला में भी यह कारगुजारी पकड़ी गई है। धनबाद एसडीओ महेश संथालिया और सप्लाई इंस्पेक्टर के बयान पर दयाल सिंह, जयन्त गोस्वामी और विजय यादव को नामजद एवं अन्य आरोपी बनाते आईपीसी धरा 706 ,420, 120, 34 सहित 7 ईसी के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
शुक्रवार को ही धनबाद एसएसपी को गुप्ता सूचना मिली थी कि झरिया के बस्ताकोला में वर्मा हॉउस में एक गोदाम में सरकारी चावल और गेंहू को दूसरे बोरे में पलटी कर ब्रांडेड कंपनी के पैकेट में भरा जा रहा है। इस सूचना पर एसओजी की टीम ने छापा मारा और 285 बोरा चावल और 103 बोरा गेंहू जब्त किया। छापेमारी में बोरा सिलाई करने वाला मशीन भी मिला और एक मजदूर को गिरफ्तार किया गया है।