मप्र में दर्जा प्राप्त मंत्रियों को मांद में घुसकर शेर को हराने की जिम्मेदारी

भोपाल। यहां वहां जुगाड़ लगाकर लालबत्ती तक पहुंचे निगम, मंडल, प्राधिकरण और आयोग के अध्यक्ष/उपाध्यक्षों के सामने नया संकट आ गया है। जो खुद कभी टिकट मांगने की हिम्मत नहीं कर पाए भाजपा के संगठन सह महामंत्री वी सतीश ने उनसे हारी हुई सीटों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी दी है। दरअसल, संघ मप्र में चल रही शिवराज विरोधी लहर से परेशान है। संघ का आंकलन है कि इस बार कुछ सीटें भाजपा के खाते से खिसक सकती हैं। उनकी भरपाई करना है। 

संघ के आदेश पर भाजपा संगठन ने इन नेताओं को पिछले विधानसभा चुनावों में हारी हुई सीटें जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। गुरुवार को दिल्ली से भोपाल पहुंचे भाजपा के संगठन सह महामंत्री वी सतीश की मौजूदगी में इन नेताओं को ये टास्क सौंपा गया है। इन नेताओं को अभी से इन सीटों पर भाजपा की जीत के लिए जुट जाना होगा। 

दरअसल भाजपा के गिरते ग्राफ और आगामी चुनावों में एंटी इनकम्बेंसी के डर से अगले विधानसभा चुनाव में जीती हुई सीटों पर हार का डर सता रहा है और इसी डर के चलते भाजपा ने अब बिना चुनाव लड़े लालबत्ती हासिल करने वाले नेताओं को इन चुनावों को जिताने की जिम्मेदारी सौंपी है। मप्र में 64 सीटों पर भाजपा हार गई थी। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं जहां से भाजपा को उचित प्रत्याशी ही नहीं मिलता। अब जुगाड़ की बत्ती लगाकर घूम रहे नेता तनाव में हैं, जिन सीटों पर शिवराज का जादू नहीं चला। उन सीटों पर वो क्या कुछ कर पाएंगे। ये टॉक्स बिल्कुल वैसा ही है जैसे मांद में घुसकर शेर से कुश्ती लड़ना। 

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