जज ने कहा इसे जेल में डाल दो, जेलर ने कहा हम नहीं डालेंगे

इंदौर। क्या कभी ऐसा हो सकता है कि किसी न्यायालय से किसी इंसान के खिलाफ जेल वारंट बन जाए, लेकिन जेलर उसे अपनी जेल में लेने से इंकार कर दे। यहां ऐसा हुआ है। पुलिस जब एक कैदी को लेकर जेल पहुंची तो जेलर ने अपनी जेल में लेने से इंकार कर दिया। पुलिस दूसरी जेल पहुंची तो दूसरे जेलर ने भी इंकार कर दिया। पुलिस सारी रात कैदी को थाने में लेकर बैठी रही। 

खजराना पुलिस ने चोरी के पुराने मामले में जारी हुए वारंट में साउथ गाडराखेड़ी निवासी एक किन्नर को सोमवार को गिरफ्तार किया था। किन्नर को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। करीब एक बजे सिपाही मानवेंद्र सिंह जब उसे जेल लेकर पहुंचा तो वहां विचित्र समस्या सामने आ गई। पुलिस को ये समझ नहीं आया कि आखिर किन्नर को किस जेल में रखा जाए।

थर्ड जेंडर को लेकर उठे इस सवाल के बाद उसका मेडिकल करवाने के लिए एमवाय हॉस्पिटल भेज दिया गया, ताकि डॉक्टर जांच करें कि उसमें पुरुष का प्रतिशत अधिक है या फिर महिला का तत्व ज्यादा है. इसी के आधार पर उसके लिए जेल का चुनाव किया जाएगा। इस जांच के फेर में में दो सिपाहियों के साथ उसे दोपहर डेढ़ बजे से रात साढ़े दस बजे तक एमवाय अस्पताल में मौजूद रहे। पूरे समय पहली मंजिल के महिला विभाग से लेकर कैजुअल्टी के सीएमओ ऑफिस तक बार-बार जाने पर भी ये साफ नहीं हो सका कि आखिर किन्नर में किसका लैंगिक प्रतिशत ज्यादा है।

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