भारत की प्रशासनिक सेवाओं में तुरंत सुधार की जरूरत: अमेरिका

नईदिल्ली। भारत की आईएएस लॉबी राजनीति के पचड़े में फंसकर खराब हो गई है। इसके कारण देश की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था ही चौपट होती जा रही है। इसमें तुरंत सुधार की जरूरत है। यह आशय है अमेरिका के एक शीर्ष थिंकटैंक की ​एक रिपोर्ट का जो शुक्रवार को जारी हुई। अमेरिका का कहना है कि अफसरों को पॉलिटिकल प्रेशर से बचाने और निक्कमे अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के कानून बनने चाहिए, ताकि अफसर पूरी तरह जिम्मेदार रहें। 

कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस की शुक्रवार को जारी रिपोर्ट ‘दी इंडियन ऐडमिनिस्ट्रेशन सर्विस मीट्स बिग डेटा’’ में कहा गया है, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आईएएस राजनीतिक दखलअंदाजी, पुरानी पड़ चुकी कार्मिक प्रक्रियाओं और नीति क्रियान्वयन के मिले-जुले रिकॉर्ड के कारण बुरी तरह प्रभावित है और इसमें तुरंत सुधार की जरूरत है।’’ 

नौकशाहों को राजनीतिक दखलअंदाजी से बचना चाहिए
मिलन वैष्णव और सक्षम खोसला द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार को नियुक्ति और पदोन्नति की प्रक्रिया का पुनर्गठन करना चाहिए, अधिकारियों के प्रदर्शन आधारित आकलन को सुधारना चाहिए, नौकरशाहों को राजनीति दखलअंदाजी से बचाना चाहिए और बचाव के ऐसे उपाय करने चाहिए जिनसे व्यक्तिगत जिम्मेदारी को बढ़ावा मिले।’’ 

पचास पन्नों की इस रिपोर्ट में कार्नेगी ने कहा है कि राजनीतिक दखलअंदाजी के कारण खासी अक्षमता पैदा होती है, सर्वश्रेष्ठ अधिकारी हमेशा महत्वपूर्ण ओहदे नहीं पाते जबकि किसी राजनीतिक पार्टी या नेता के प्रति वफादारी नौकरशाहों को करियर में सफलता के लिए वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध करवाती है।

लंबित कानूनों को पास कराए सरकार
अमेरिकी थिंकटैक का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों को उन लंबित कानूनों को पास कराना और उन्हें कार्यान्वित करना चाहिए जो राजनीति से प्रभावित तबादलों और नियुक्ति से नौकरशाहों को सुरक्षित करते हैं। उसके अनुसार सरकार को इस प्रस्ताव पर भी विचार करना चाहिए जिसके तहत सेवा के किसी मोड़ पर अयोग्य पाए जाने वाले अधिकारियों को प्रदर्शन के आकलन की पारदर्शी और एक समान प्रणाली के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जाए।

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