भोपाल। क्या आप जानते हैं कि मानव पुत्र होने के बावजूद एक वर्ग विशेष को राक्षस क्यों कहा जाता था ? क्योंकि गुरू शुक्राचार्य की कृपा से राक्षस कुल में जन्म लेने वाले बच्चों का आकार सामान्य बच्चों की अपेक्षा कहीं तेजी से बढ़ता था। मात्र 12 वर्ष आयु का राक्षस, 40 वर्ष के पुरुष के बराबर दिखाई देता था। भारत में चलने वाली शताब्दी, राजधानी और दुरंतो ट्रेनों का किराया भी इसी तरह बढ़ेगा। कोई आश्चर्य नहीं कि आपका साथी यात्री जिस बर्थ पर 2000 रुपए में सफर कर रहा हो, आपको उसी बर्थ के लिए 4000 रुपए चुकाने पड़ें।
मोदी सरकार ने इन दोनों ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू कर दी है। यह प्रणाली 9 सितम्बर 2016 से लागू हो जाएगी। इसके तहत जैसे जैसे ट्रेन में बर्थ की बुकिंग होती जाएगी, खाली बची बर्थ का किराया बढ़ता जाएगा। यह इस कदर बढ़ेगा कि ट्रेन में एसी 3 के लिए सबसे अंत में रिजर्वेशन कराने वाले यात्री को एसी 1 से ज्यादा किराया देना होगा।
आपको जानकर दुख होगा कि एसी 1 और इकॉनॉमी क्लास के किराए में कोई परिवर्तन नहीं होगा। शेष सभी के लिए फ्लेक्सी किराया प्रणाली लागू रहेगी। आपत्तिजनक यह है कि यदि बुकिंग क्रमांक 41 होने के कारण आपका किराया बढ़ गया है और यात्रा शुरू होने से पहले बुकिंग क्रमांक 0 से 40 के बीच कोई यात्री अपनी यात्रा रद्द कर देता है तो आपसे अतिरिक्त वसूला गया किराया वापस नहीं किया जाएगा। जबकि तालिका के अनुसार यदि बढ़ाया जा रहा है तो वापस भी किया जाना चाहिए।