मप्र में अवैध निर्मार्णों को वैध कराने नए नियम लागू

भोपाल। डेढ़ साल की लंबी कवायद के बाद प्रदेश सरकार ने अवैध निर्माणों को वैध करने के लिए नया नियम शुक्रवार को लागू कर दिया है। इस नियम में आप यदि किसी मकान को नगर निगम की परमिशन लिए बना लेते हैं तो उसे भी बिल्डिंग परमिशन फीस की पांच गुना रकम देकर वैध कर सकते हैं। यानी यदि आप 600 वर्गफीट के प्लॉट पर बिना परमिशन के मकान बना लेते हैं तो महज 3750 रुपए में इसे वैध करवा सकते है। लोगों को अब परमिशन के लिए न तो निगम के दफ्तर के चक्कर काटने की जरूरत है और न ही रिश्वत देने की।

प्रदेश में अवैध कॉलोनियों और अवैध निर्माणों को वैध करने की दरें जमीन की कीमत के 40 प्रतिशत तक होती थी। इससे राहत देने के लिए मार्च 2015 में अधिनियम में संशोधन कर दिया था, लेकिन नई दरें तय नहीं हुई थी। तब से प्रदेश के सभी 378 शहरों में अवैध निर्माण को वैध करने का काम रूका हुआ था। नगरीय निकायों की आय पर असर पड़ने के साथ ही लोग भी परेशान थे। अब सरकार ने जमीन की कीमत के बजाय इसे बिल्डिंग परमिशन फीस से जोड़ दिया है।

नए प्रावधान के मुताबिक कमर्शियल निर्माण को वैध करने के लिए छह गुना फीस देनी होगी। मास्टर प्लान में तय निर्माण सीमा से 10 प्रतिशत ज्यादा तक के निर्माण ही वैध हो सकेंगे। 10 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण को वैध करने के लिए इसकी कलेक्टर गाइडलाइन की कीमत का 5 प्रतिशत शुल्क देना होगा।

इन्हें राहत मिलेगी
भोपाल में चिन्हित 198 अवैध कॉलोनियां हैं, यहां सभी निर्माण अवैध हैं। इन्हें अभी पांच लाख रुपए तक जुर्माना देना होता था। अब महज 10 से 20 हजार रुपए देने होंगे। इसके अलावा शहर के एक लाख से ज्यादा मकानों में अवैध निर्माणों को वैध किया जा सकेगा।

फीस ज्यादा पर इन परेशानियों से छुटकारा
भले ही पांच गुना फीस देनी होगी लेकिन निगम की एनओसी समेत कई तरह के दस्तावेजों की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन नक्शे पास कराने की झंझट नहीं होगी। अभी आर्किटेक्ट की छोटी-छोटी गलतियों की वजह से नक्शे सॉफ्टवेयर में ही उलझी रहती है।

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