जो भोपाल पुलिस ना कर सकी वो एक मां ने कर दिखाया

भोपाल। मप्र में जो तकनीकी सूझबूझ भोपाल पुलिस के पास हैं वो किसी के पास नहीं हैं, फिर भी भोपाल पुलिस का ढर्रा डंडाछाप पुलिस वाला ही बना हुआ है। एक कार एक्सीडेंट के मामले में पुलिस ने वहां मौजूद सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग खंगालने की कोशिश तक नहीं की। एक्सीडेंट में मारे गए छात्र की मां ने जब पुलिस को वीडियो फुटेज उपलब्ध कराए तब भी पुलिस बहाने बनाती रही। अंतत: मां ने खुद वीडियो को कई बार स्टडी किया और सेकेंड के 28वें हिस्से में गुजर रही कार की नंबर प्लेट से नंबर निकाल लिया। बाल नौंच लीजिए, क्यों​कि पुलिस ने अब भी चालक तक पहुंच नहीं पाई है। 

एक्सीडेंट में मारे गए छात्र की मां किस्मत मौर्य पति अजय मौर्य बताती हैं कि 'मेरे बेटे आदित्य (बिट्टू) से 22 अक्टूबर 2015 की रात 9 बजकर 35 मिनट पर फोन पर बात हुई थी। उसने बताया था कि वह हिमांशु के साथ घर जा रहा है। उसके बाद हम सो गए। रात करीब सवा दो बजे फोन की घंटी बजी। तब आदित्य के एक्सीडेंट होने की सूचना मिली। हम सुबह 7 बजे तक सागर से भोपाल पहुंच चुके थे। पोस्टमार्टम के बाद हम मैहर के लिए निकले, लेकिन मेरे कहने पर पति एंबुलेंस के साथ स्पॉट पर आए। 

खून और कार के टायर के निशान एक ही जगह पर थे। दो दिन बाद 9 नवंबर को हमने भोपाल आकर अयोध्या नगर पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि एक कार आई है। हम उसकी तलाश कर रहे हैं। हम दोबारा घटना स्थल पर आए। चौराहे पर दो कैमरे लगे दिखे। पुलिस कंट्रोल रूम से मना होने पर ट्रैफिक डीएसपी वसंत कौल के कहने पर ऑपरेटर वीडियो दिखाने को तैयार हुए। इसमें एक कार दिखी। कंट्रोल रूम में आदित्य नाम से वीडियो सेव करवा दिया। सप्ताह भर बाद वापस लौटने पर पूर्व टीआई अयोध्या नगर आशीष पवार का कहना था कि वीडियो स्पष्ट नहीं है, लेकिन हम उसे ले आए।

जब पूरे वीडियो को बार बार स्टडी किया तो कार की नंबर प्लेट दिखाई दी लेकिन वो बहुत तेजी से गायब हो रही थी। अंतत: नंबर निकाल ही लिया गया। आरोपी का नाम और कार का नंबर पुलिस को दे दिया गया है लेकिन लड़ाई खत्म नहीं हुई है। सबूत देने के बाद भी पुलिस जांच करने की बात कह रही है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !