देश भर में रह रहे बंगाली नेताओं के लिए गुडन्यूज: तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय दर्जा

नई दिल्ली। देश के कौने कौने में रह रहे बंगाली नेताओं के लिए यह गुडन्यूज हो सकती है। बंगाल की क्षेत्रीय पार्टी तृणमूल कांग्रेस को अब राष्ट्रीय दर्जा प्राप्त होने वाला है। इसी के साथ इसका देशभर में विस्तार होगा और स्वभाविक है जब पार्टी हाईकमान बंगाली है तो बंगालियों को प्रमुख पद आसानी से मिल जाएंगे। दरबदलुओं के लिए भी एक नया विकल्प खुल गया है। 

चुनाव निकाय सूत्रों ने एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रीय पार्टी के रूप में मान्यता के लिए चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 में बतायी गयी शर्तों में एक को पूरा कर लिया है। कम से कम चार प्रदेशों में राज्य को पार्टी के रूप में मान्यता होने की शर्त को तृणमूल कांग्रेस ने पूरा कर लिया है। तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल के अलावा मणिपुर, त्रिपुरा और अरूणाचल प्रदेश में भी राज्य की मान्यता प्राप्त पार्टी है।

भारत में अब सात राष्ट्रीय पार्टियां हैं जिनमें कांग्रेस, भाजपा, बसपा, माकपा, भाकपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस शामिल हैं। राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी के रूप में मान्यता मिलने के बाद उस पार्टी के चुनाव चिह्न का उपयोग कोई अन्य पार्टी देश भर में नहीं कर सकती। इसके अलावा ऐसे दलों को अपने कार्यालय स्थापित करने के लिए सरकार की ओर से भूमि या भवन दिए जाते हैं। चुनावों में ऐसे दल 40 स्टार प्रचारक रख सकते हैं जबकि अन्य दल 20 स्टार प्रचारक रख सकते हैं। 

चुनाव आयोग ने 22 अगस्त को एक नियम में संशोधन किया था जिसके तहत वह किसी राष्ट्रीय या राज्य की पार्टी के दर्जे की समीक्षा पांच साल के बदले 10 साल में करेगा। नियम में संशोधन किए जाने से बसपा, राकांपा और भाकपा को राहत मिली है क्योंकि 2014 के लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के कारण उन पर राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने का खतरा मंडरा रहा था।

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