मप्र: भाजपा के दिग्गज आपस में भिड़े, कैलाश विजयवर्गीय और नंदकुमार सिंह चौहान

भोपाल। कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव ने बुधवार को ही कहा था कि पार्टी के अंदर भारी मनभेद हैं और गुरुवार को भाजपा के मनभेद सुर्खियों में आ गए। लगातार 3 दिन से कैलाश विजयवर्गीय मप्र की भाजपा सरकार पर हमला कर रहे हैं, बदले में नंदकुमार सिंह चौहान ने भी कैलाश विजयवर्गीय को सबक सिखाने वाला बयान दे डाला। 

ये हैं हाल ही के घटनाक्रम
  • कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में मेट्रो ट्रेन को लेकर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए ट्वीट किया। बाद में उन्होंने संशोधन किया और सरकार के बजाए अफसरों को निशाने पर लिया। 
  • बुधवार को एक बार फिर कैलाश विजयवर्गीय ने मेट्रो का मुद्दा उठाया। भोपाल में उन्होंने कहा कि जिस तरह तंत्र काम कर रहा है, मेट्रो रेल 2018 तो क्या 2028 तक भी नहीं चल पाएगी। अधिकारियों ने पहले तो मेट्रो रेल के प्रोजेक्ट को लाइट मेट्रो में बदला और कैबिनेट से मंजूर करा लिया। अब वे ही ढुलमुल हैं, जबकि अफसर जापान और जर्मनी तक घूम आए। लेकिन अब तक जमीन अधिग्रहण नहीं हुआ है। 
  • भाजपा नेता व पूर्व टीवी पैनलिस्ट प्रकाश मीरचंदानी को फेसबुक पर पार्टी विरोधी पोस्ट किए जाने पर निलंबित करने के फैसले पर भी विजयवर्गीय ने सवाल खड़े किए। कहा कि पहले प्रकाश से बात करनी थी, फिर फैसला लिया जाता तो ठीक रहता। 
  • 2018 के चुनाव को लेकर विजयवर्गीय ने कहा कि सबकुछ तो ठीक है, लेकिन ब्यूरोक्रेसी कमजोर है। इसे दुरुस्त करना होगा।
  • इससे पहले बाबूलाल गौर ने कहा था कि घोड़ा खराब नहीं होता, घुड़सवार सही होना चाहिए। 


नंदूभैया बोले संकट में तो कैलाश आएंगे
विजयवर्गीय की इस टिप्पणी के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने पचमढ़ी चिंतन बैठक के बाद कहा कि जब से विजयवर्गीय दिल्ली गए हैं, तब से मप्र के बारे में कम सोचने-समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि ट्वीट या बयानों से पार्टी पर संकट नहीं आएगा। संकट तो टिप्पणी करने वालों के लिए है।

ये बयान भी सुर्खियों में हैं 
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बुधवार को कहा कि पार्टी के अंदर भारी मनभेद है। कांग्रेस जैसे हालात बन रहे हैं। इससे बड़ा नुकसान होगा। मैं तो विनती करता हूं कि वरिष्ठ नेता इसमेंं दखलंदाजी करें। बोले- इस समय कई जगह कार्यकर्ता मुखर हुए हैं। लोग शिकायत करते हैं। उनका यह बयान टीवी चैनलों पर भी प्रसारित हो गया। 
भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा- अगला चुनाव भाजपा का भाजपा से ही है। यही हाल कांग्रेस का हुआ था।

केवल गोपाल भार्गव ने बात संभाली 
भाजपा में मनभेद की बात कहने के कुछ देर बाद भार्गव अपने बयान से पलट गए। कहा- मेरा वो मतलब नहीं था। जीवन में मैं पार्टी के विरुद्ध जाने की नहीं सोच सकता। निजी चैनल के व्यक्ति ने सामान्य बातचीत को जिस एंगल से अपने चैनल पर दिखाया है, वो मेरा भाव नहीं था। मुझे पूर्ण विश्वास है कि 2018 में मध्यप्रदेश के बाद 2019 में हम दिल्ली में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। सभी एकजुट होकर काम करेंगे।

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