काफिला नहीं मिनी बस से अमले सहित रवाना हुए कलेक्टर

नईदिल्ली। कोई एक दशक पहले मप्र के शिवपुरी जिले में तत्कालीन कलेक्टर शैलेष पाठक ऐसा किया करते थे। अब यही उदाहरण छत्तीसगढ़ के धमतरी में देखने को मिला है। कलेक्टर सीआर प्रसन्ना ने दौरे पर जाने के लिए काफिला बनाने के बजाए सिटी बस बुलाई और तमाम अधिकारियों के साथ बैठकर जा पहुंचे जनसमस्या निवारण शिविर में। 

कुरुद ब्लॉक के ग्राम सिलघट में शुक्रवार को जिलास्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर आयोजित था। शिविर में शामिल होने कलेक्टर सीआर प्रसन्ना समेत जिला प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारी निर्धारित समय में दफ्तर पहुंचे। कलेक्टर प्रसन्ना ने सभी अधिकारियों को कलेक्टोरेट परिसर में एकत्र कर सिटी बस से शिविर स्थल तक जाने निर्देश दिया। बेहतर पहल की शुरूआत करते हुए कलेक्टर सबसे पहले बस में सवार हुए। उसके बाद जिले के 50 से अधिक अधिकारी दो सिटी बस में बैठकर शिविर स्थल के लिए रवाना हुए।

सोशल मीडिया ने सराहा
आईएएस प्रसन्ना की इस पहल को सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है। लोगों का कहना है कि इस तरह से सरकार का काफी सारा पैसा बचेगा। ईंधन बचेगा और सबसे बड़ी बात यह कि काफिले का गुरूर अधिकारियों में खत्म होगा। वो जनता के ज्यादा नजदीक पहुंच जाएंगे। 

शिवपुरी में चलती थी विकास एक्सप्रेस
90 के दशक में मप्र के शिवपुरी जिले में तत्कालीन कलेक्टर शैलेष पाठक ने ऐसा ही नवाचार किया था। उन्होंने एक मिनी बस को 'शिवपुरी विकास एक्सप्रेस' का नाम दिया। अधिकारियों को उसमें अपने साथ बिठाते और निकल पड़ते गांव की ओर। किसी को मालूम नहीं होता था कि यह एक्सप्रेस कहां रुकेगी। कलेक्टर जहां चाहते, बस रुकवा देते और ग्रामीणों के बीच जाकर समस्याओं का तत्काल समाधान किया करते थे। उनके साथ टाइपराइटर भी चलता था। फटाफट आदेश जारी हो जाते थे। 16 साल की सफल यात्रा के बाद श्री पाठक ने सरकार की सेवाएं त्याग दीं। इन दिनों Mr Shailesh Pathak गुडगांव में Bhartiya Group में Executive Director हैं। 

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