श्योपुर। श्योपुर-कुहांजापुर स्टेट हाईवे पर हादसे का शिकार हुए डॉक्टर ऊंकार सिंह की बेटी और नातिन शायद जिंदा होतीं, यदि उन पर मगरमच्छ का हमला ना हुआ होता। बेकाबू हुई कार नदी में गिर गई थी लेकिन पानी ज्यादा नहीं था। डॉक्टर तो बाहर निकल आया लेकिन बेटी और नातिन को मगरमच्छ खींचकर ले गया।
जानकारी के मुताबिक, रविवार को डॉक्टर ऊंकार सिंह अपनी बेटी और नातिन के साथ अपनी पत्नी को देखने कोटा गए थे। वहां से कार से बड़ौदा कस्बा लौटते वक्त अहेली नदी में गिर गई। नदी की गहराई 8 फीट थी और पानी भी शांत था। तीनों गाड़ी से बाहर तो निकल आए, लेकिन किनारे आने में उन्हें मुश्किल हुई। डॉ. गिल जैसे-तैसे किनारे आ गए, लेकिन उनकी बेटी मनदीप और नातिन हरपल नदी में ही फंस गए। डॉक्टर के मुताबिक जैसे ही वो बाहर निकले उन्हें उनकी बेटी की आवाज आई कि पापा बचा लो, लेकिन वो बेबस थे, उन्हें तैरना नहीं आता।
डॉक्टर ने बताया कि उनकी बेटी नातिन को बचाने गहरे पानी में जा रही थी, उसके बाद कुछ ही देर में दोनों गहरे पानी में समा गई और मगरमच्छ उनके शव को दूर खींचकर ले गया। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने रात को रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया। कार तो निकाल ली गई, लेकिन डॉक्टर की बेटी और नातिन का शव क्षत-विक्षत हालत में सोमवार सुबह बाहर निकाला जा सका।