नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय तय करने जा रहा है कि भारत अपनी नदियों का पानी अब पाकिस्तान को नहीं देगा। 56 साल पहले पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पाकिस्तान के साथ यह संधि की थी, जिसके तहत भारत की पवित्र नदियों का पानी पाकिस्तान को दिया जाता है परंतु अब यह पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी।
विदेश मंत्रालय, भारत सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसी किसी संधि के काम करने के लिए ‘परस्पर विश्वास और सहयोग’ महत्वपूर्ण है। यह पूछे जाने पर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए क्या सरकार सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार करेगी तो विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘ऐसी किसी संधि पर काम के लिए यह महत्वपूर्ण है कि दोनों पक्षों के बीच परस्पर सहयोग और विश्वास होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि संधि की प्रस्तावना में यह कहा गया है कि यह ‘सद्भावना’ पर आधारित है।
इस संधि के तहत ब्यास, रावी, सतलज, सिंधु, चिनाब और झेलम नदियों के पानी का दोनों देशों के बीच बंटवारा होगा। प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपाति अयूब खान ने सितम्बर, 1960 में इस संधि पर हस्ताक्षर किया था।