लोन पर अनुबंध से ज्यादा ब्याज नहीं ले सकता बैंक: उपभोक्ता फोरम

नईदिल्ली। बैंक अक्सर लोन देते समय ब्याजदर कम बताते हैं लेकिन बाद में चुपके से उसे बढ़ा देते हैं। बिलासपुर जिला उपभोक्ता फोरम ने इसे सेवा में कमी मानते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाया है। फोरम का कहना है कि जिस ब्याजदर का उल्लेख अनुबंध में किया गया है, उससे अधिक ब्याजदर की वसूली नहीं की जा सकती। 

सरकंडा निवासी राजेश पांडेय व उनकी पत्नी श्रीमती स्मृति पांडेय ने संयुक्त रूप से आईसीआईसीआई बैंक व्यापार विहार शाखा से 10 लाख रुपए कर्ज लेकर अशोक नगर में जमीन खरीदी थी। बैंक से कर्ज अदा करने 9984 रुपए प्रतिमाह की 240 किश्त में भुगतान करने अनुबंध हुआ था। अनुबंध के विपरीत बैंक ने किश्त की संख्या 240 से बढ़ा कर 463 कर अधिक ब्याज लेने लगा। अनुबंध के विपरीत अधिक ब्याज लिए जाने पर उन्होंने आपत्ति की। ब्याज दर कम नहीं करने व अधिक रकम लिए जाने के खिलाफ दंपति ने जिला उपभोक्ता फोरम में आवेदन दिया। 

नोटिस पर बैंक की ओर से जवाब प्रस्तुत कर बताया गया कि रिजर्व बैंक से ब्याज दर बढ़ाए जाने पर अधिक ब्याज लिया गया। साथ ही बताया कि बैंक को किश्त की संख्या में वृद्धि करने का अधिकार है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक, सदस्य प्रमोद वर्मा व रीता बरसैंया ने मामले की सुनवाई में पाया कि बैंक ने अधिक ब्याज लेकर सेवा में कमी की है। इस आधार पर बैंक पर 25 हजार जुर्माना लगाते हुए ली गई अतिरिक्त ब्याज की राशि को मूलधन में समायोजित करने और 5 हजार रुपए वाद व्यय देने का आदेश दिया है।

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