गुलाम कश्मीर में भारतीय सेना का हमला: सिर्फ अफवाह या थोड़ा सच

नईदिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर में भारतीय सेना के एक हमले को लेकर 2 तरह की बातें सामने आ रहीं हैं। आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कुछ संकेत यह जता रहे हैं कि हमला किया गया और पूरी तरह से सफल था। इसी हमले ने पाकिस्तान में दहशत भर दी, जिसके कारण वो युद्ध की तैयारी कर रहा है। 

मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 
कश्मीर में तैनात आर्मी में एक इलीट फोर्स है जो 2 Paras कहलाती है। इस फोर्स की दो यूनिट्स ने ऑपरेशन को अंजाम दिया।
उड़ी सेक्टर से 18 से 20 कमांडो ने मिलिट्री हेलिकॉप्टरों से उड़ान भरी। वे एलओसी पार कर उड़ी सेक्टर से सटे पीओके वाले हिस्से में उतरे और ऑपरेशन को अंजाम दिया। 
इस हमले में 3 शिविर तबाह किए गए। 24 से ज्यादा आतंकी मारे गए, 200 से ज्यादा घायल हुए। 
भारतीय सेना के सूत्रों ने ऐसे किसी भी आॅपरेशन से इंकार किया है। 

अब कुछ गौर करने वाली बातें
उड़ी हमले के दिन 18 सितंबर को डिफेंस मिनिस्टर आर्मी बेस पहुंचे। आर्मी से उन्होंने कहा कि वे जवानों की कुर्बानी का बदला लें। इसी दिन मोदी ने ट्वीट किया कि वे देश के लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि गुनहगारों को बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार ने 19 सितंबर को हाई लेवल मीटिंग की। ये संकेत मिले कि वह आर-पार की लड़ाई के मूड में है।
सेना ने 20 सितंबर को कश्मीर में जबरदस्त ऑपरेशन चलाया। कुछ घंटों की कार्रवाई में 10 आतंकी मार गिराए।
पाक मीडिया के हवाले से बुधवार को यह खबर आई कि पाकिस्तान ने एलओसी पर भारत की हलचल देखते हुए गिलगित-बाल्तिस्तान, स्कर्दू और चितराल आने-जाने वाली सभी फ्लाइट्स कैंसल कर दी हैं। इन इलाकों को नो फ्लाई जोन घोषित कर दिया। पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स के प्रवक्ता दन्याल गिलानी ने यह जानकारी दी।
भारत के आर्मी मूवमेंट से घबराए पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने अपने आर्मी चीफ राहील शरीफ से भी बातचीत की थी।
बुधवार शाम पर्रिकर ने कहा कि अगर नरेंद्र मोदी ने कुछ कहा है, तो ये तय मानिए कि कुछ न कुछ हो रहा है और उड़ी हमले के बाद हिला देने वाले जवाब की जरूरत है।

नवाज इतना घबराए क्यों
उस समय नवाज शरीफ न्यूयार्क में थे और यूएन में अपना प्रमुख भाषण देने वाले थे। इससे पहले वो अचानक विचलित हुए। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहिल से बात की और फिर 19 मिनट के भाषण में केवल कश्मीर पर ही बोलते रहे। 8 मिनट तक उन्होंने वो सारी बातें की, जिनमें हस्ताक्षेप का अधिकार ही उनके पास नहीं है। इसके बाद पाकिस्तान के कई हाइवे बंद कर दिए गए। सेना के लड़ाकू विमानों को सड़कों पर उतार लिया गया। 

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