शिवराज सरकार ने दीनदयाल के जन्मदिन पर श्रृद्धां​जलि दे डाली

भोपाल। मप्र में जब से जनसंपर्क संचालनालय मंत्री नरोत्तम मिश्रा के पास गया है तब से बड़े बड़े तमाशे हो रहे हैं। भाजपा के पितृ पुरुष दीनदयाल उपाध्याय के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर जारी किए गए एक फुल पेज विज्ञापन में जन्मतिथि की जगह पुण्यतिथि छप गया। सामान्यत: इस तरह के विज्ञापन प्रकाशन पर जाने से पूर्व जनसंपर्क संचालनालय के कमिश्नर और मंत्री के टेबल से अप्रूव होकर आते हैं। इस विज्ञापन के जारी होने से पहले क्या प्रक्रिया अपनाई गई, शोध का विषय हो सकता है। 

दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष पर जारी किए गए एक विज्ञापन में दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को उनकी पुण्यतिथि बता दिया। ये विज्ञापन एक बड़े प्रतिष्ठित अखबार में जारी हुआ। इसी के साथ शिवराज सरकार और अखबार दोनों की जमकर किरकिरी हो रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि भाजपा जिनके सिद्धांतों पर चलने की बात करती है और एकात्मवाद के प्रणेता को भाजपा का मूलमंत्र बताती है, भाजपा को अपने ही पितृ पुरुष की जन्म और मृत्यु तिथी का फर्क मालूम नहीं है। 

इस विज्ञापन की खास बात ये है कि इस विज्ञापन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश उनके हस्ताक्षर के साथ भी छपा हुआ है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितम्बर 1916 को हुआ था और उनकी मृत्यु 11 फरवरी 1968 को हुई थी। 

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