कश्मीर में पाकिस्तानी हमला हुआ है, जवाब ना दिया तो इतिहास माफ नहीं करेगा

नई दिल्ली। कश्मीर में सेना मुख्यालय पर हुए हमले को रक्षा विशेषज्ञों ने आतंकवादियों का नहीं बल्कि पाकिस्तान का हमला बताया है। सभी ने एक स्वर में कहा है कि यदि इसका जवाब ना दिया तो इतिहास इस सरकार को कभी माफ नहीं करेगा। बता दें कि इस हमले में 17 जवान शहीद हुए हैं जबकि 16 गंभीर रूप से घायल हैं। 

अवकाश प्राप्त लेफ्टिनेंट जनरल राज कादियान ने कहा, "यह साफ-साफ भारत पर पाकिस्तान का हमला है। केवल अकर्मण्य बने रहने का खतरा हम नहीं उठा सकते हैं। भारतीय जवाबी कार्रवाई कड़ी होनी चाहिए। प्रतिकार जल्द और कड़ा होना चाहिए।"

जम्मू-कश्मीर सिर्फ समस्या नहीं
जम्मू एवं कश्मीर की सुरक्षा स्थिति पर गहरी पकड़ रखने वाले अवकाश प्राप्त मेजर गौरव आर्या ने कहा, "जब तक हम यह नहीं समझेंगे कि जम्मू एवं कश्मीर की समस्या सिर्फ वहां की एक समस्या भर नहीं है, बल्कि रावलपिंडी स्थिति सैन्य मुख्यालय द्वारा कृत्रिम रूप से निर्मित है, तब तक हम जवाब देने में सक्षम नहीं होंगे।"

सीमा के उस पार है हल
कादियान ने कहा कि समस्या का हल सीमा के उस पार है, न कि यहां। उन्होंने चेतावनी भी दी कि भारत की सरजमीं पर इस तरह के हमले बढ़ सकते हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और सेना के जनरल राहील शरीफ के बीच पाकिस्तान में सत्ता संघर्ष चल रहा है। राहील नवम्बर महीने में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

पाकिस्तानी सेना का हाथ
पूर्व राजनयिक राजीव डोगरा ने कहा कि उड़ी के सैन्य शिविर पर जिस तरह का हमला हुआ है, वह जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा का नहीं बल्कि पाकिस्तानी सेना का हमला है। बिना सेना की मदद के यह रणनीति बनाई ही नहीं जा सकती थी। 

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