अब तलवार, भाला, बल्लम और कटार का भी लाइसेंस बनवाना पड़ेगा

भोपाल। मप्र में अब तक केवल बंदूक और रिवाल्वरों के ही लाइसेंस बनाए जाते थे परंतु अब आपको तलवार, भाला, बल्लभ और कटार जैसे धारदार हथियारों के लिए भी लाइसेंस लेना होगा। यह लाइसेंस 2 साल के लिए मिलेगा इसके बाद रिन्यू कराना होगा। सरकार जल्द ही इस मामले में नियमावली जारी कर सकती है। 

भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने 15 जुलाई 2016 को गजट नोटिफिकेशन जारी कर तलवार, भाला, बल्लम, कटार आदि लोहे से बने धारदार हथियारों को रखने के लिए भी लाइसेंस बनवाना अनिवार्य कर दिया है। हालांकि केन्द्र सरकार की इस अधिसूचना के आधार पर राज्य सरकार ने अब तक कोई नियमावली नहीं बनाई है, लेकिन जल्द ही इस संबंध में लाइसेंस बनाने के लिए राज्य सरकार भी गाइडलाइन जारी करेगी। उसके बाद धारदार हथियारों को रखने के लिए भी जिला कलेक्टर से लाइसेंस बनवाना होगा।

1984 से पहले बनते थे धारदार हथियारों के भी लाइसेंस
एडीएम कार्यालय के कर्मचारी इस संबंध में बताते हैं कि वर्ष 1984 से पहले भी मप्र में धारदार हथियारों के लाइसेंस भी बनाए जाते थे। उस दौर में लोगों को तलवार, भाला और कटार रखने के लाइसेंस दिए जाते थे, लेकिन बाद में इस तरह के लाइसेंस बनाना मप्र शासन ने बंद कर दिया। 

कैसे बनेंगे लाइसेंस
फिलहाल तो लाइसेंस बनाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा बनाई जाने वाली नियमावली का इंतजार है। हालांकि केन्द्र सरकार की अधिसूचना के आधार पर प्रदेश सरकार भी इस संबंध में नियमावली बनाने की तैयारी कर रही है। नियमावली के बनते ही जिला प्रशासन धारदार हथियारों को रखने के लिए लाइसेंस बनवाने का विज्ञापन जारी करेगा।

500 रु. फीस लगेगी और 100 रुपए में लाइसेंस होगा रिन्यू 
केन्द्र सरकार की अधिसूचना के अनुसार धारदार हथियारों के लाइसेंस के लिए आवेदनकर्ता को 500 रुपए शुक्ल चुकाना होगा। लाइसेंस भी दो साल के लिए बनेगा। इसके बाद 100 रुपए फीस चुकाकर लाइसेंस रिन्यू कराना होगा।

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