देखो देशवासियों, मोदी सर को गुस्सा न दिलाओ

कुमार अतुल। देखो देश वासियों मोदी सर को गुस्सा न दिलाओ। गुस्सा आ गया तो नवाज शरीफ की अम्मा को दिया शाल वापस मांग लेगें। भड़काओ मत। जानते नहीँ उनका गुस्सा कितना खराब है। चाहे तो आडवाणी जी या संजय जोशी जी से पूछ लो। भड़के तो शरीफ की नातिन को निकाह में दिया 251 रुपये का नेग वापस मांग लेगें। नवाज ने उनकी माताश्री को जो साड़ी दी थी। उसे कालू धोबी से धुलवा कर स्पीड पोस्ट से लौटा देगें। अभी खद्दर की गंजी पहने हैं। तभी सभी उनके सीने के साइज पर डाउट करने लगे हैं। गुस्सा गए तो गंजी उतार फेंकेगे। तो सच मानियो 56 इन्च से एक दो इंच फालतू ही निकलेगा कमती रत्ती भर भी नहीं।

बहुत कड़क है सर जी। पठान कोट पर हमला हुआ तब भी करेले का जूस गिलोय मे मिला कर पीपीकर बड़ी कर्री बैठक ली थी। उड़ी के बाद तो उनका माथा बहुत गरम है। देख लो कितनी कर्री कर्री मीटिंग ले रहे हैं। मुस्करा भी नही रहे हैं। गोपनीय मीटिंग भी लिए हैं। सीरियस होकर फोटो भी खिचाए हैं।

पाकिस्तान तो उनके नाम से दहलने लगता है। वहां की अम्मिया, गब्बर की जगह मोदी सर का नाम लेकर शैतान बच्चों को सुलातीं है। गुस्सा न दिलाओ भाई। ई गांधी और शान्ति वाला मुलुक है। अब जब सर नोबेल पुरस्कार के लिए गान्धी वाले ट्रैक पर है तो गुजराती दादा बनने पर मजबूर न करो। सर जी की गर्जना से पहाड़ कान्प उट्ठे। धरती डोल जाए। समंदर मचल जावे। एक हुन्कार से तूफान आ जावे। फूक भी मारें तो सुनामी आ जावै। बस गुस्सा न दिलइयो। एक डाट लगावेंगे पाकिस्तानी थरथर करने लगेंगे। सारी पाक फौज हथियार डाल कर भंगड़ा करने लागेगी। 

तुम कहते हो, भगवान राम ने भी समुद्र से मार्ग की याचना की थी लेकिन सिर्फ तीन दिन बाद उनका भी धैर्य डगमगा गया था। लक्ष्मण को बुलाकर उन्हें कहना पड़ा- 
विनय न मानधि जलधि जड़ गये तीन दिन बीति 
बोले राम सकोप बस भय बिनु होइ न प्रीति

युद्ध टालने का हर जतन करने वाले श्री कृष्ण को भी कहना पड़ा था - उठिस्थ कौन्तेय। 

क्रोध करने का दूसरा मौका कब आएगा। सामान्य व्यक्ति और इतिहास पुरुष में यही फर्क है कि इतिहास पुरुष वह कर गुजरता है जिसके बारे में सामान्य लोग सोच भी नहीं पाते। पूरा देश आपके साथ है। कुछ अमर्ष करिए। कुछ ऐसा करिए जिससे लोग याद रखें। लाल बहादुर के प्रधानमंत्रित्व काल के अठारह महीने हजारों सियासतदानो और प्रधानमंत्रियो की पूरी जिंदगी पर भारी हैं। देशवासी भूखे रह लेगे। कम सहूलियतों में जी लेगें। मोबाइल लैपटॉप नहीं चलाएंगे। बस आप भारत माँ का अपमान करने वालों पर गोलियां चलाने का आदेश दे। फिर देखिए हजार डेढ हजार कुत्ते आतंकवादियो की क्या औकात है। पच्चीस करोड़ वाला पाकिस्तान एक सौ पच्चीस करोड़ हिन्दुतानियो के आगे कितनी देर टिकेगा। 

लेकिन क्या करें मित्रों, सरजी तो बुधत्व को पहुंच गये हैं। 
  • लेखक श्री अतुल कुमार श्रीवास्तव मुरादाबाद में अमर उजाला के डिप्टी न्यूज एडीटर हैं। 
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