शिवराज सिंह के खिलाफ जिला पंचायतों के अध्यक्ष सामूहिक इस्तीफा देंगे

भोपाल। जिला पंचायत अध्यक्षों ने एक बार फिर सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने शिवराज सिंह पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उनका कहना है कि हड़ताल को रोकने के लिए जो भी वादे सरकार ने किए थे, उनमें से कोई पूरा नहीं किया गया। 

बैठक में भाजपा समर्थित ज्यादातर जिला पंचायत अध्यक्ष मौजूद थे। इसमें आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने फरवरी 2016 में मुख्यमंत्री निवास में पंचायत प्रतिनिधियों के सामने मांगें पूरे करने का वादा किया था। जुलाई में इसके लिए बाकायदा तत्कालीन प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस को निर्देश भी दिए गए, लेकिन आज तक कोई अधिकार नहीं लौटाया गया है।

न तो पंचायत सचिवों का बैठक भत्ता 100 से बढ़ाकर 200 रुपए हुआ है और न ही जिला पंचायत अध्यक्ष के सामने कोई नस्ती अनुमोदन के लिए आ रही है। सचिवों के तबादले में भी प्रभारी मंत्री से अनुमोदन अनिवार्य कर दिया है, जबकि ये अधिकार कानून में जिला पंचायत की सामान्य समिति को दिया गया है।

भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष मनमोहन नागर ने बताया कि दो करोड़ रुपए विकास के लिए दिए तो गए पर उसमें बराबरी से सदस्यों में बंटवारे की शर्त लगा दी। उपाध्यक्षों को पीली बत्ती वाहन में लगाने और उप समितियों को भंग करने के आदेश भी नहीं निकाले गए हैं। ऐसी सूरत में पंचायतों के पास काम करने का अधिकार नहीं रह गया है। 

वहीं, त्रिस्तरीय पंचायतराज संगठन के संयोजक डीपी धाकड़ ने बताया कि एक प्रतिनिधि मंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आखिरी बार वादे पूरे करने की मांग करेगा। 16 सितंबर तक यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो दो अक्टूबर को पंच, सरपंच, जिला-जनपद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य दिल्ली के जंतर-मंतर पहुंचकर धरना देंगे। साथ ही प्रधानमंत्री के नाम सामूहिक इस्तीफा देंगे।

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