नई दिल्ली। पिछले 8 साल में भारत की जीडीपी 63.8% की ग्रोथ दर्ज की गई लेकिन कर्मचारियों की वास्तविक वेतनवृद्धि केवल 0.2% ही रही। यह समीक्षा 2008 से 2016 के बीच की गई। रिपोर्ट चीन के हे ग्रुप के विभाग कॉर्न फेरी के ताजा विश्लेषण पर आधारित है। याद रखें यह वास्तविक वेतनवृद्धि की दर है।
चीन का हे ग्रुप पिछले एक दशक से एशिया के सभी देशों की समीक्षा कर रही है। इसी रिपोर्ट में बाबा रामदेव के पार्टनर आचार्य बालकृष्ण के पास 25600 करोड़ की प्रॉपर्टी का खुलासा हुआ है। समीक्षाधीन अवधि में वास्तविक वेतनवृद्धि में चीन, इंडोनेशिया और मेक्सिको सबसे आगे रहे हैं। इनकी वेतनवृद्धि क्रमश: 10.6 फीसदी, 9.3 फीसदी तथा 8.9 फीसदी रही है। वहीं कुछ अन्य उभरते बाजारों मसलन तुर्की, अर्जेंटीना, रूस और ब्राजील की स्थिति इस मामले में काफी खराब रही है। इन देशों की वास्तविक वेतनवृद्धि क्रमश: -34.4 फीसदी, -18.6 फीसदी, -17.1 फीसदी तथा -15.3 फीसदी रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर उभरते जी-20 बाजार या तो एक तरफ या दूसरी तरफ रहे हैं। यानी या तो वहां सबसे अधिक वेतनवृद्धि हुई या सबसे कम। हालांकि, भारत इनके बीच खड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में वेतनवृद्धि सबसे अधिक असमान रही है।