लखनऊ। उत्तरप्रदेश में डीएम की कुर्सी योग्यता नहीं, रिश्वत के आधार पर मिलती है। यहां डीएम की कुर्सी पाने के लिए 70 लाख लगते हैं। यह खुलासा उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद के नोडल अधिकारी व राष्ट्रीय एकीकरण विभाग के सचिव अशोक कुमार ने किया है। उन्होंने कहा कि जिले का प्रभार मिलना आसान नहीं है, मोटी रकम लगती है। मेरे पास होती तो मैं भी बन जाता।
अपने तीन दिवसीय बस्ती दौरे पर आए अशोक कुमार का दर्द उस समय छलका, जब वे संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बातों ही बातों में अशोक कुमार ने कहा कि आजकल डीएम बनने के लिए 70 लाख रुपए लगते हैं। मेरे पास कुछ नहीं था, इसलिए मुझे डीएम नहीं बनाया गया और मैं कमिश्नर बनना नहीं चाहता हूं।
बताते चलें कि शासन ने अशोक कुमार को बस्ती जनपद का नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। वह तीन दिवसीय दौरे पर बस्ती आए हुए हैं। अपने इस दौरे पर वो सरकारी परियोजनाओं की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारी अपने कार्यों के प्रति संवेदनशील और जवाबदेह रवैया अख्तियार करें ताकि आम जनता को बेवजह परेशान न होना पड़े। बैठक के बाद अशोक कुमार ने पीडब्ल्यूडी के डाक बंगले पर पत्रकारों से बात की। शासन ने अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया है।