भोपाल। मप्र के 52 लाख किसान अब बैंक के डिफाल्टर हो गए हैं। इन्होने पिछले 3 सालों में 77000 करोड़ रुपए का लोन किसान क्रेडिट कार्ड के नाम पर लिया और अब तक नहीं चुकाया। अब हालात गंभीर बन गए हैं। बैंक तो परेशान हैं ही, सरकार भी चिंता में पड़ गई है।
यह जानकारी वित्त मंत्रालय ने संसद में पूछे गए सवाल से जवाब में बताई थी। पिछले तीन सालों में सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 9 लाख 31 हजार 977 किसानों को क्रेडिट कार्ट बांटे, जिनसे 3 हजार 771 करोड़ रुपए की वसूली करना है। इधर मध्यप्रदेश में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए लीड बैंकों में शुमार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने इस दौरान दो लाख 20 हजार 886 किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए, जिससे किसानों पर 30 हजार 652 करोड़ रुपए बकाया है।
नाम न छापने के शर्त पर कई बैंक अधिकारियों ने स्वीकार किया कि इतनी बड़ी संख्या में किसानों के कर्जदार और अब डिफॉल्टर की सूची में आने के पीछे प्रमुख वजहों में फसल खराब होना तो है ही, बड़ी वजह बैंकों को दिया गया टारगेट है, जिस पर राज्य सरकार सहित केंद्र और आरबीआई का भी प्रेशर रहता है। इसके चलते यह जानते हुए भी कि किसान लोन नहीं चुका पाएगा उसे क्रेडिट कार्ड थमा दिया जाता है।