बालाघाट ट्रामा सेंटर कांड में सिविल सर्जन, 3 डॉक्टर और बिजली कंपनी का ईई दोषी

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। शासकीय ट्रामा सेंटर में बिजली गुल हो जाने के कारण हुई नवजात शिशुओ की मौत मामले में कलेक्टर द्वारा करायी गई जांच में सिविल सर्जन सहित तीन डॉक्टर, दो नर्स और विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री को जिम्मेवार माना गया हैं और शासन को अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव भेजा गया हैं। जबकि सिविल सर्जन और सीएमएचओ को भोपाल तलब किया गया है। 

इधर भोपाल स्वास्थ्य महकमा ने चार सदस्यीय टीम को बालाघाट भेजा हैं। जिसमें स्वास्थ्य सचिव श्रीमती राजश्री बजाज व जबलपुर से डिप्टी डायरेक्टर के.एल.साहू की टीम ने ट्रामा सेंटर पहुंचकर घटनाक्रम को लेकर जांच की। घटना दिनांक में जितने भी स्टाफ जिसमें नर्स, डॉक्टर थे उनके कथन लिये गये। हालांकि इस जांच के दौरान सीविल सर्जन और सीएचएमओ भोपाल तलब किये जाने के कारण अनुपस्थित रहे। चूंकि जांच की प्रक्रिया पर भी सवाल उठे क्योंकि जिस स्थान पर जांच की जा रही थी वह प्रसूति कक्ष था जांच टीम ने मीडिया से भी दूरी बनाने का प्रयास किया। बाद में जरूर डिप्टी डायरेक्टर ने चर्चा कर जांच करने पहुंचने की बात को स्वीकार किया हैं। 

उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले बालाघाट के ट्रामा सेंटर में छह घंटे में चार शिशुओं की मौत की मामला सामने आया था। इस मामले में चिकित्सीय लापरवाही सामने आयी थी। तीन महीना पहले बने ट्रामा सेंटर में जनरेटर सहित अन्य सुविधा के अभाव के बावजूद गायनिक वार्ड को अस्पताल प्रबंधन ने शिफ्ट कर दिया हैं। जहां पर बिजली आपूर्ति ठप्प रहने के चलते प्रसूति महिलाओं की समय पर प्रसूति व नवजात शिशुओं को उपचार नहीं मिल सका था। जिससे चार शिशुओ की मौत हो गई थी। हालांकि अस्पताल प्रबंधन ने तीन मौत को स्वीकार किया था। 

जिसके लिये भी अपनी जिम्मेवारी स्वीकारने के बजाय शिशुओ व प्रसूति महिलाओं को ही विविध बीमारी से ग्रसित होना बता दिया गया। इस मामले में प्रशासन ने डिप्टी कलैक्टर से भी जांच करायी हैं। जिसमें सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दबडगांव, शिशु वार्ड एसएनसीयू के प्रभारी डॉक्टर नितेंद्र रावतकर और प्रसूति वार्ड की प्रभारी डॉक्टर रश्मि बाघमारे व तीन स्टाप नर्स तथा विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री को जिम्मेवार मानते हुये अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु शासन को प्रस्ताव भेजा गया हैं।

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