इंदौर में टीआई ने गरबा के 2 पंडाल तोड़ डाले

इंदौर। राजमोहल्ला स्थित हरिजन कॉलोनी में बुधवार आधी रात को जब लोग सो रहे थे, तभी मल्हारगंज थाना प्रभारी धैर्यशील यैवले ने 10-15 जवानों को ले जाकर नवरात्रि के लिए बनाए जा रहे दो पंडालों को तुड़वा दिया। इस दौरान एक पंडाल के पीछे बने मंदिर के शेर की मूर्तियां भी टूट गईं। गुरुवार सुबह जब लोगों को इसका पता चला तो उन्होंने टीआई के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए चक्काजाम कर दिया।

पंडाल के चौधरी राजकुमार टांक ने बताया कि बुधवार रात 12.30 बजे टीआई धैर्यशील यैवले दो गाड़ियों में 10-15 जवानों के साथ आए। उस वक्त बस्ती के अधिकांश लोग सो रहे थे। कुछ देर चिल्लाने लगे और फिर अचानक जवानों ने पंडाल तोड़ दिया।

हर बार होता है गरबा
राजकुमार ने बताया यह पंडाल कई सालों से लगाया जा रहा है। यहां हर बार गरबा होता है। शहर के कई इलाकों में बीच सड़क पर गरबा होता है। पुलिस वहां कार्रवाई क्यों नहीं करती?

14 साल से मुस्लिम करा रहा गरबा
पुलिस ने पास में ही मेन रोड से सटकर बन रहे पंडाल को भी तोड़ दिया। यह मंच लकड़ी के टाल में रहने वाले मुस्लिम अफाक खान लगवाते हैं। वे 2002 से यहां गरबा भी करा रहे हैं। अफाक ने बताया- 2002 से वे मंच की परमिशन लेते आ रहे हैं। इस बार भी ली थी। फिर भी टीआई ने मंच तोड़ दिया, जबकि मंच से यातायात में कोई परेशानी नहीं होती।

तीन थानों का बल और दो अफसरों ने संभाली स्थिति
सुबह हंगामे की सूचना मिलते ही चंदन नगर, छत्रीपुरा और मल्हारगंज थाने का बल मौके पर पहुंच गया। साथ में सीएसपी सराफा व डीएसपी एसबी भी आए। उन्होंने मुआयना किया। लोगों ने खासी नाराजगी जताई और चक्काजाम कर दिया। फिर सीएसपी ने खुद के पैसे से शेर की मूर्तियां और पंडाल लगवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद माहौल शांत हुआ।

पैसे लेकर तोड़ने का आरोप
वहीं कुछ लोगों का आरोप था कि पास में भी पंडाल लगाए गए हैं। वहां भी गरबा होता है, लेकिन उन्हें नहीं तोड़ा गया। पुलिस ने उन लोगों से पैसे लेकर ये पंडाल तोड़े।

इस बार बड़ा बना रहे थे मंच
हालांकि लोगों का यह भी कहना था कि हरिजन कॉलोनी में इस बार मंच बड़ा बन रहा था, जिससे रोड बंद हो जाता। टाल वाला मंच सड़क किनारे था। उसे क्यों तोड़वाया यह समझ से परे है।

टीआई ने दी सफाई 
लगातार थाने पर मंच बनाकर रोड बंद करने की सूचना मिल रही थी। मैं सिपाहियों के साथ पहुंचा। देखा वहां मंच काफी बड़ा था और सिर्फ ऑटो ही निकल सकता था। मैंने लोगों से पूछा तो किसी ने आयोजक का नाम नहीं बताया। मंच कच्चा बना हुआ था इसलिए मैंने राहगीरों और सिपाहियों की मदद से मंच को थोड़ा हटवा दिया। एक और मंच मुस्लिम व्यक्ति का था, जो सड़क किनारे था, लेकिन थोड़ा बड़ा था। मैंने उससे कहा तो उसके कर्मचारियों ने खुद मंच हटाया। सुबह पता चला कि हरिजन कॉलोनी वाला मंच पूरा टूटा था और शेर किसी ने फेंक दिए। मैंने इतनी तोड़फोड़ नहीं करवाई। हम तो यातायात बाधित ना हो इस बात का ध्यान रखते हैं। मुझ पर आरोप झूठे लगाए गए हैं। 
धैर्यशील यैवले, टीआई मल्हारगंज

रातों रात कार्रवाई क्यों की गई 
वाल्मीकि बस्ती में नवदुर्गा का मंच बना था। पुलिसकर्मी देर रात वहां पहुंचे, उस वक्त आयोजक भी नहीं थे। मंच को लेकर उन्होंने आस-पास के लोगों से कुछ कहा और मंच हटाना शुरू कर दिया। कुछ दूरी सड़क किनारे एक और मंच था, उसे भी बिना वजह हटा दिया। सुबह लोग मंदिर के शेर गिरे हुए और मंच टूटा देख आक्रोशित हो गए। सूचना पर मैं और पार्षद सुधीर देड़गे पहुंचे। हमारा यही सवाल था कि यदि मंच बड़ा लग रहा था तो उसे रातोरात हटाने की वजह क्या थी। सुबह भी पुलिस बात करती तो शायद मामला आसानी से सुलझ जाता। सीएसपी जयंत राठौर ने मंच को पुन: वैसा ही लगाने की बात कही। 
दीपक जैन (टीनू), क्षेत्रीय पार्षद

हम जांच कर रहे हैं
लोगों की शिकायत है कि पुलिस ने पूरे मंच तोड़े और मंदिर खंडित किया है। हम पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। टीआई का कहना है कि उन्होंने पूरा मंच नहीं हटवाया। इसकी पड़ताल के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। 
वंदना चौहान, सीएसपी मल्हारगंज

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